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फार्मा सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘बल्क ड्रग पार्क’और 4 ‘चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केन्द्र’ किए जाएंगे विकसित

फार्मा सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘बल्क ड्रग पार्क’और 4 ‘चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केन्द्र’ किए जाएंगे विकसित

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नई दिल्ली। केन्‍द्र सरकार ने सोमवार को आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में बल्‍क औषधियों और चिकित्‍सा उपकरणों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए चार योजनाओं की शुरुआत की है। देश में बल्क ड्रग के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और मेडिकल डिवाइस पार्कों के विकास के लिए चार योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई।

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रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार ने विस्‍तार से जानकारी देते हुए बताया कि देश में राज्‍यों के साथ मिलकर 3,000 करोड़ रुपये की साझेदारी में'बल्क ड्रग पार्क' विकसित किए जाएंगे। सरकारी अनुदान के साथ 4 चिकित्सा उपकरण पार्क भी विकसित किए जाएंगे। एक पार्क के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि का अनुदान दिया जाएगा।
वहीं रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी बी सदानंद गौड़ा ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बल्‍क औषधियों और चिकित्‍सा उकररणों के निर्माण को बढ़ावा देने की औषधि विभाग की चार योजनाओं की जानकारी दी। सदानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के साथ, यह योजना फार्मा क्षेत्र में भारत को 'अत्मा निर्भर'' बनाने के लिए संकल्पित की गई है। उन्‍होंने कहा कि बल्क में ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क के विकास से आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने और देश को एक प्रमुख फार्मा निर्यातक के रूप में उभरने में मदद मिलेगी। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी। वी। सदानंद गौड़ा ने एक बैठक में देश भर में तीन थोक दवा पार्कों और चार चिकित्सा उपकरण पार्कों के प्रस्तावित विकास के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की।

उन्होंने ट्वीट करके कहा कि इसका उद्देश्य भारत को 53 महत्वपूर्ण सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) या की र्स्‍टाटिंग मटीरियल के उत्पादन और मेडिकल डिवाइस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। जिसके लिए भारत अभी मुख्‍य रुप से आयात पर निर्भर है। मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार इन योजनाओं के द्वारा क्रिटिकल APIs / KSMs और चिकित्सा उपकरणों के आयात पर देश की निर्भरता को कम करना चाहती हैं। उन्‍होंने बताया कि ये योजना उद्योगों और राज्य सरकारों सहित हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद बहुत सोच समझकर तैयार की है। उनके स्थान का चयन मानदंडों और प्रतिस्पर्धी फेडरेलिज्म की भावना पर आधारित होगा।

मंत्री ने बताया कि ये केन्‍द्र समर्थित ये पार्क पूर्व रेगुलेटर की मंजूरी के साथ प्लग एंड प्ले मॉडल पर आधारित होंगे। गौड़ा ने कहा कि यह नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना के लिए समय और निवेश लागत को काफी कम कर देगा। इसके अलावा, नई यूनिट्स सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम के पात्र होंगी। उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने कहा कि भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में जाना जाता है और यह विशेष रूप से वर्तमान समय में दुनिया भर में फैली महामारी में साबित हो चुका है। इस महामारी के दौरान भारत ने देशों को महत्वपूर्ण जीवन-रक्षक दवाओं का निर्यात जारी रखा।

इंजीनियरिंग के बाद नौकरी नहीं मिली तो अब ऐसे हर महीने दो लाख रुपए कमा रही 27 साल की ये लड़कीइंजीनियरिंग के बाद नौकरी नहीं मिली तो अब ऐसे हर महीने दो लाख रुपए कमा रही 27 साल की ये लड़की

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English summary
'Bulk Drug Park' and 4 'Medical Device Manufacturing Centers' to be developed in India
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