बुलंदशहर हिंसा: जमानत पर जेल से छूटे आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत, लगे जय श्री राम के नारे
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का जमानत के बाद बाहर निकलने के बाद जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के साथ उनका स्वागत किया गया। जमानत पर छूटे आरोपियों को लोगों ने फूलों की माला पहुंचाई। कई लोग आरोपियों के साथ सेल्फी लेते दिखे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल तीन दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी गांव में गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जय श्री राम के नारे से आरोपियों का स्वागत
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव और रोहित राघव जैसे ही शनिवार को कोर्ट से जमानत लेकर जेल से बाहर आए, तो हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगे। इस दौरान किसी ने पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया। ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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5 लोगों पर हत्या का मामला
हिंसा के इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। मार्च 2019 में यूपी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और 38 लोगों को आरोपी बनाया गया। 38 लोगों में से 5 लोगों को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बनाया गया था। 38 में से 6 आरोपी साढ़े सात महीने के बाद जेल से जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले थे।
क्या हुआ था 3 दिसंबर को
बुलंदशहर जिले के स्याना थाना क्षेत्र के चिंगरावठी गांव में 3 दिसंबर को गोकशी की सूचना पर जमकर बवाल हुआ था। इस दौरान गुस्साए लोगों ने चिंगरावटी चौराहे को जाम कर दिया और पुलिस चौकी में खड़े वाहनों में आग लगा दी थी। इस घटना में स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और भाजपा कार्यकर्ता सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेशराज समेत 27 नामजद व 50-60 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जीतू फौजी का नाम आया था सामने
गोकशी की सूचना को लेकर हुए हिंसा में पुलिस ने महाब गांव निवासी जीतू फौजी का नाम सामने आया था। साथ ही वायरल वीडियो में भी फौजी अवैध कट्टे के साथ देखा गया है। इसी को आधार बनाकर पुलिस जांच में जुट गई थी। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने जम्मू में फौजी की यूनिट के अधिकारियों से बात की और 8 दिसंबर को जीतू फौजी को गिरफ्तार कर एसआईटी की टीम बुलंदशहर ले आई थी।
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