इंस्पेक्टर सुबोध कुमार हत्याकांड, घटना से पहले फोन पर कई बार हुई थी आरोपियों में बातचीत
सुबोध कुमार हत्याकांड, घटना से पहले आरोपियों में हुई फोन पर बातचीत
नई दिल्ली। बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या, हिंसा और आगजनी में दायर एसआईटी की चार्जशीट में बजरंग दल संयोजक और दूसरे आरोपी के बीच घटना से पहले फोन पर लगातार बातचीत का जिक्र है। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की चार्जशीट के मुताबिक, 3 दिंसबर को स्याना में हिंसा हुई और इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या हुई, इस दिन सुबह में आरोपियों के बीच लगातार फोन पर बाचतीच हुई है। मार्च में पुलिस ने ये चार्जशीट दाखिल की है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित तौर पर गौवंश के अवशेष मिलने के बाद उग्र भीड़ को समझाने की कोशिश कर रहे स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की बेहरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस पूरी हिंसा में 38 लोगों के खिलाफ हत्या, दंगा भड़काने और दूसरी धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया है।
आरोपियों के बीच लगातार फोन कॉल
चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी सचिन अहलावत ने घटना वाले दिन की सुबह आठ बजकर 55 मिनट पर बजरंग दल के संयोजक योगेश राज को फोन कर कथित तौर पर गाय काटे जाने की जानकारी दी। तब योगेश की लोकेशन उसके गांव नयाबांस की है। इसके बाद नौ से साढ़े दस बजे के बीच योगेश और दूसरे आरोपी, आशीष चौहान, सतीश, सचिन जट, सतेंद्र और विशाल त्यागी के बीच कई बार फोन पर बात हुई है। साथ ही योगेश की लोकेशन भी पहली कॉल आने के बाद चेंज हो गई है। सचिन अहलावत का फोन आने के 45 मिनट बाद योगेश नयाबांस से स्याना पहुंच गया था।
इज्तमा से लौट रहे लोगों के रूट पर हिंसा
चार्जशीट में बताया गया है कि सचिन ने ही सबसे पहले इस बात की जानकारी दी और इसके बाद योगेश और दूसरे लोग पहले घटनास्थल और फिर स्याना पुलिस स्टेशन के सामने जमा हुए। ये वही रूट था, जिससे बुलंदशहर में हो रहे बड़े तब्लीगी इज्तमा में शामिल होने आए हजारों मुसलमानों को लौटना था। ऐसे में अगर गौकशी की बात कह हंगामा कर रहे योगेश राज और दूसरे लोगों का इज्तमा में आए लोगों से टकराव होता तो हालात बिगड़ सकते थे।
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योगेश राज ने भीड़ को उकसाया
एसआईटी ने पाया है कि बजरंग दल का योगेश राज स्याना थाने के सामने भीड़ को उकसा रहा था और उसके सड़क पर कथित गौवंश भी रखा था। पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक नारे भी योगेश ने लगवाए। जिसके बाद हिंसा भड़की और तोड़फोड़ भी की गई। एसआईटी ने बुलंदशहर के चीफ ज्यूडिशल मजिसट्रेट की अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।