बुलंदशहर हिंसा: बवाल के बाद रईस अख्तर की जगह मनीष मिश्रा बने एएसपी ग्रामीण
बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर गोकशी के शक में भड़की हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के बाद आज एएसपी ग्रामीण रईस अख्तर को हटा दिया गया है, अब उनकी जगह मनीष मिश्रा को एएसपी ग्रामीण बनाया गया है, जबकि इससे पहले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में आरोपी फौजी जितेंद्र उर्फ जीतू को सेना ने शनिवार को एसटीएफ के हवाले कर दिया है। बताया जा रहा है कि नोएडा और मेरठ एसटीएफ की टीम ने देर रात तक फौजी से लंबी पूछताछ की है, जिसमें आरोपी फौजी जीतू ने ये कहा कि वो घटनास्थल पर जरूर मौजूद था लेकिन गोली उसने नहीं चलाई है।
मनीष मिश्रा बने एएसपी ग्रामीण
एसएसपी एसटीएफ ने मीडिया से कहा कि जितेंद्र ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह ग्रामीणों के साथ वहां गया था, लेकिन उसने पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की। एसटीएफ की पूछताछ में जीतू ने पुलिस इंस्पेक्टर या सुमित नाम के युवक को गोली मारने से इनकार करते हुए कहा कि उसे इस बारे में कुछ नहीं मालूम नहीं है।
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बुलंदशहर हिंसा ने ले ली इंस्पेक्टर की जान
एसएसपी ने कहा कि फौजी जितेंद्र ने कहा कि जब ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हुई, उस वक्त वह वहां था, लेकिन पुलिस वालों पर पथराव नहीं करने का दावा किया है। एसएसपी ने कहा कि जितेंद्र का मोबाइल की जांच भी की जाएगी।
एक बड़े सांप्रदायिक तनाव को फैलाने की साजिश!
आपको बता दें कि फौजी जितेंद्र उर्फ जीतू कि गिरफ्तारी के पहले बुलंदशहर हिंसा में मारे गए उत्तर प्रदेश के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे श्रेय और अभिषेक ने एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में कहा कि 3 दिसंबर को एक बड़े सांप्रदायिक तनाव को फैलाने की साजिश रची जा रही थी, जिसका विरोध करने और उसे रोकने के चलते उनके पिता को शिकार बनाया गया है, यह कोई मामूली घटना नहीं है बल्कि कुछ बड़ी साजिश है, जिसकी कई बातें मिसिंग हैं और जिनको जल्दी जोड़ने की जरूरत है, जिससे सच सामने आ सके।
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