आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश, वित्त वर्ष 2018-19 में विकास दर 7 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र का आगाज हो गया। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार कई उपलब्धियों को गिनाया तो वहीं कई नई योजनाओं के लेकर सरकार की नीतियों को सदन के सामने रखा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट संसद में पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण पर गौर करें तो सरकार का जोर विकास पर रहेगा। विकास दर 7 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इकोनॉमिक सर्वे में सरकार ने कहा है कि उत्पादन पर सरकार का जोर रहेगा। कटौती नहीं की जाएगी और खर्च पर ही जोर रखा जाएगा।
बजट सत्र के आगाज के साथ ही लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इकोनोमिक सर्वे में पिछले साल उठाए गए सुधार के नियमों के चलते इस वित्त वर्ष में विकास दर के 7-7.5 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6.75 फीसदी हो सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण पर गौर करें तो भविष्य में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई गई है।
मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6.75 फीसदी रहने का अनुमान
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक मीडियम टर्म में रोजगार, शिक्षा और कृषि पर सरकार का फोकस होगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मौजूदा वित्तीय वर्ष में 3.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। थोक मूल्य सूचकांक के 2.9 फीसदी तक रहने की संभावना है। इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में बड़े इजाफे की उम्मीद जताई गई है।
GST से टैक्स चुकाने वालों की संख्या में हुई 50 फीसदी की बढ़ोतरी
जीएसटी से टैक्स चुकाने वालों की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र, यूपी, तमिलनाडु और गुजरात में सबसे ज्यादा जीएसटी रजिस्ट्रेशन हुए हैं। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर चिंता जताई गई है। अनुमान लगाया गया है कि कच्चे तेल की कीमतें 12 फीसदी तक बढ़ सकती हैं, जिसकी वजह से महंगाई में इजाफा हो सकता है। इकोनॉमिक सर्वे में निजी निवेश में सुधार के संकेत हैं। निर्यात में सुधार के हालात नजर आ सकते हैं।
इकोनॉमिक सर्वे में कृषि विकास 2.1 फीसदी रहने का अनुमान है
इकोनॉमिक सर्वे में सरकार ने माना कि वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक प्रबंधन थोड़ा मुश्किल होगा। मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि विकास 2.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। रेडीमेड कपड़ों के निर्यात में वृद्धि का अनुमान है।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को बताया जाता है। इसके साथ-साथ सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को भी इस रिपोर्ट में पेश किया जाता है। वास्तव में यह वित्त मंत्रालय की ओर से पेश की जाने वाली आधिकारिक रिपोर्ट होती है, जिसे इकोनॉमिक सर्वे भी कहा जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया जाता है कि सालभर के दौरान विकास की स्थिति कैसी रही, किन-किन योजनाओं को सरकार ने लागू किया, इसकी जानकारी होती है। वहीं जो भी योजनाएं लागू की गईं, इनके क्या-क्या संभावित परिणाम आने वाले हैं, इसका भी जिक्र रिपोर्ट में रहता है।
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