Budget 2021: कांग्रेस के बाद AAP ने भी किया राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान
नई दिल्ली। Budget 2021: नए कृषि कानूनों पर मचे बवाल के बीच बजट सत्र से पहले विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने संसद में बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपित रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। गुरुवार को 'आप' नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी कृषि कानूनों का विरोध करती है, इसलिए AAP का कोई भी सांसद 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगा।
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बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) से पहले कांग्रेस समेत 15 राजनीतिक दलों ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। मंगलवार को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद भी 'आप' ने किसानों को समर्थन देने का ऐलान किया है। AAP सांसद संजय सिंह ने ने कहा, 'हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हम तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं, यह किसानों के मौत के वारंट पर हस्ताक्षर है।'
Members of Aam Aadmi Party (AAP) have protested against three black farm laws & will continue to do so which is why AAP will boycott President's speech. We continue to demand the repeal of three farm laws, this is the signature on death warrants of farmers: AAP MP Sanjay Singh https://t.co/sNdGi5JKvo pic.twitter.com/3AMbFhJQus
— ANI (@ANI) January 28, 2021
'आप' नेता संजय सिंह से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने भी राजनीतिक दलों की ओर से राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की जानकारी दी थी। गुलाम नबी आजद ने कहा, हम 16 दलों की ओर से बयान जारी करने जा रहे हैं कि कल होने वाले राष्ट्रपति के भाषण का हम बहिष्कार करेंगे, इसकी मुख्य वजह यह है कि कृषि बिलों को सदन में जबरन विपक्ष के बिना पास कराया गया है। कांग्रेस के अलावा जो अन्य दल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे उसमे एनसीपी, शिवसेना, टीएमसी, डीएमके, जेकेएएस, समाजवादी पार्टी, राजद, सीपीआईएम, सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, आरडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस, एआईयूडीएफ शामिल हैं। सभी पार्टियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि वह 29 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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