दोगुनी राहत देने की पीछे वित्त मंत्री ने बताईं ये दो खास वजह
नई दिल्ली। मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार (01 फरवरी 2019) को नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स छूट सीमा को ढाई से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया। पीयूष गोयल ने सैलरीड क्लास को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री के इस ऐलान पर खुद पीएम नरेंद्र मोदी बेहद खुश नजर आए और उन्होंने डेस्क थपथपाकर जोरदार तरीके से छूट का स्वागत किया। छूट सीमा पांच लाख किए जाने पर एनडीए सांसदों ने संसद में मोदी-मोदी के नारे भी लगाए। टैक्स छूट सीमा दोगुनी किए जाने पर अरुण जेटली की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, 'भारत के इतिहास में इस तरह की टैक्स छूट कभी नहीं दी गई। यह ऐतिहासिक है।' यह बात सही है कि चुनावी साल में मोदी सरकार ने टैक्स छूट में बड़ी राहत दी है, लेकिन गौर से देखा जाए तो इसके पीछे ठोस वजह भी है। खुद वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने भाषण में उन दो बातों का जिक्र किया, जिनकी वजह से टैक्स छूट को ढाई से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है।
पीयूष गोयल ने टैक्स छूट के पीछे गिनाईं ये दो बड़ी वजहें
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि बीते पांच साल में टैक्सपेयर्स की संख्या में 80 प्रतिशत बढ़ी है। इतना ही नहीं, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी अब बढ़कर 12 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जिसकी वजह से टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर ढाई से पांच लाख कर दिया गया है। सरकार को प्रत्यक्ष कर से मिलने वाली 2013-14 में करीब 6.38 लाख करोड़ रुपये थी। वित्त मंत्री ने यह भी 80सी के तहत जो छूट पहले से मिल रही है, उसकी वजह से उन नौकरीपेशा लोगों को भी राहत मिलेगी, जिनकी सालाना इनकम 7 लाख तक है।
7 लाख तक की इनकम वाले इस तरह बचा सकते हैं टैक्स
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इनकम टैक्स छूट सीमा को ढाई से बढ़ाकर पांच करने के साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से घटाकर 50,000 रुपए भी कर दिया है। इससे बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोगों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए का निवेश करने पर भी टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है।
पीयूष गोयल ने कई और अहम बातें बजट भाषण के दौरान कहीं।
-अब इनकम टैक्स रिटर्न का निपटारा 24 घंटे के भीतर होगा और रिफंड भी तुरंत ही मिल जाएगा।
-दो साल के अंदर इनकम टैक्स के सभी रिटर्न की स्क्रूटनी और वेरिफिकेशन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगा। अब इस कार्य में टैक्स अफसरों का किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा।
-अब FD के ब्याज पर 40 हजार तक कोई TDS नहीं देना होगा।