Budget 2019: दो घंटे 10 मिनट का बजट भाषण , अपने ही पूर्व वित्त मंत्री का रिकॉर्ड तोड़ने से चूकीं सीतारमण
नई दिल्ली। बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पहली बार आम बजट पेश किया। यह उनका पहला आम बजट था और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का भी पहला बजट था। ठीक 11 बजे वित्त मंत्री ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया और एक बजे से कुछ ज्यादा पर जाकर यह खत्म हो सका। इतनी लंबी बजट स्पीच के बाद ट्विटर पर कुछ यूजर्स चर्चा कर रहे हैं कि यह बजट इतिहास का सबसे लंबा भाषण था। वहीं कुछ कह रहे हैं कि सीतारमण अपनी ही पार्टी के पूर्व वित्त मंत्री का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गई हैं।
लंबा होता जा रहा बजट भाषण
बजट आने से एक दिन पहले तक चर्चा थी कि सीतारमण अपने बजट भाषण को छोटा रख सकती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में जैसे-जैसे बजट की परंपरा पुरानी होती जा रही है, बजट भाषण लंबा होता जा रहा है। शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया उसकी अवधि दो घंटे 10 मिनट थी। लगातार सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम हैं। उन्होंने साल 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए 18,650 शब्दों वाला बजट पेश किया था।
दो घंटे 13 मिनट वाला बजट
साल 2003 में तत्कालीन वित्तमंत्री जसवंत सिंह ने जो बजट पेश किया था वह करीब दो घंटे 13 मिनट का था। यानी निर्मला सीतारमण अपनी ही पार्टी के पूर्व वित्त मंत्री का रिकॉर्ड तोड़ने से बस तीन मिनट ही पीछे रह गईं। सीतारमण से पहले वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने साल 2014 में पहला बजट पेश किया था। उनके बजट भाषण में 253 पैराग्राफ्स थे और यह दो घंटे 10 मिनट तक चला था। इस बजट में चार मिनट का ब्रेक भी था क्योंकि जेटली का स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो उन्होंने ब्रेक के बाद बाकी का बजट पेश किया था।
जेटली के हिस्से खास रिकॉर्ड
जेटली देश के ऐसे वित्त मंत्री के तौर पर याद किए जाते हैं जिनके हिस्से सबसे लंबा और सबसे छोटा बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। जेटली ने पांच बार बजट पेश किया और उनके भाषण में औसतन 185 पैराग्राफ होते थे। जेटली ने पांचवीं बार साल 2018 में बजट पेश किया था और यह 109 मिनट लंबा था। साल 2017 में उनकी बजट स्पीच 110 मिनट की तो 2015 में बजट स्पीच दो घंटे से ज्यादा थी।
प्रणब मुखर्जी का अनोखा रिकॉर्ड
पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जो बाद में देश के राष्ट्रपति भी बने उनके हिस्से 202 पैराग्राफ वाले बजट को पेश करने का रिकॉर्ड है। मुखर्जी ने साल 2012 में बजट पेश किया तो उसमें 220 पैराग्राफ थे और यह उनका अंतिम भाषण था। साल 1982 में जब मुखर्जी ने देश का बजट पेश किया था तो वह 95 मिनट का था। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने उस समय टिप्पणी की थी, 'सबसे छोटे कद के वित्त मंत्री ने सबसे लंबा बजट भाषण दिया है।'