'बजट में मोदी सरकार ने नहीं उठाया कोई साहसिक कदम और ना ही दिखा कोई विजन'
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया। इस बजट में सरकार की तरफ से कई ऐलान किए गए। मोदी सरकार का ये साल 2019-20 के लिए पूर्ण बजट था। लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश किया था। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट पर प्रख्यात अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अय्यर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
'बजट में वित्तीय घाटे का जिक्र नहीं'
अय्यर ने बजट पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण के पहले बजट में कुछ भी बड़ा नहीं था। उन्होंने कहा कि वो इस बात को लेकर हैरान है कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में वित्तीय घाटे का जिक्र तक नहीं किया। इसका बाजार बेसब्री से इंतजार कर रहा था। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इसमें छिपाने के लिए कुछ है? उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ये सबसे अच्छा इंक्रीमेंटल बजट था। कोई साहसिक कदम नहीं, कोई विजन नहीं। मुझे इसे सप्लीमेंट्री बजट कहना चाहिए।
'एयर इंडिया के विनिवेश पर उठाए सवाल'
अय्यर ने बजट पर आगे बोलते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने घरेलू बाजार पर से दवाब हटाने की कोशिश की है। जो कि एक सकारात्मक कदम है। यहां तक कि एनबीएफसीएस के लिए रेस्क्यू पैकेज एक बड़ा सकारात्मक कदम है। ये लंबे समय से लंबित था। अय्यर ने एयर इंडिया समेत उच्च विनिवेश लक्ष्य को लेकर असहजता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब जेट को भी खरीददार नहीं मिल रहा है ये एयर इंडिया के लिए कैसे खरीददार ढूंढेंगे।
कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाने पर उठाए सवाल
अय्यर ने आगे कहा कि कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाने पर कहा कि जब आप ये 99.3 प्रतिशत व्यवसायों के लिए कर सकते हैं, तो ये सबके लिए क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि ये बुरा संकेत कि सरकार ने पांच साल के लिए जो पांच साल के लिए वादा किया था वो छठें साल भी नहीं आया। उन्होंने उच्च करदाताओं पर सरचार्ज लगाने को बुरा कदम बताया। हालांकि उन्होंने पैन और आधार को इंटरग्रेट करने को एक अच्छा कदम बढ़ाया। उन्होंने बजट को 10 में से 6 अंक दिए।
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