प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या बोलीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती?
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नई दिल्ली। बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती ने अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) को नौकरियों में पदोन्नत के लिए आरक्षण देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। मायावती ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने नौकरियों में पदोन्नत के लिए आरक्षण के इस मसले को राज्यों पर छोड़ दिया है। यह फैसला स्वागत योग्य है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ने अपने फैसले में सीधे-सीधे पदोन्नति में आरक्षण को खारिज नहीं किया है।
कोर्ट ने कहा है कि अगर राज्य चाहे तो वो एससी-एसटी कर्मियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है। इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में एससी/एसटी आरक्षण के लिए कोई डेटा जमा करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने नागराज मामले में 2006 में दिए गए अपने फैसले पर फिर से विचार करने से इनकार कर दिया है। मतलब साफ है कि इस मामले को दोबारा 7 जजों की पीठ के पास भेजना जरूरी नहीं है।
क्या
है
नागराज
का
फैसला
गौरतलब
रहे
कि
सुप्रीम
कोर्ट
ने
साल
2006
में
एम
नागराजन
को
लेकर
एक
फैसला
दिया
था।
पांच
जजों
की
बेंच
ने
कहा
था
कि
सरकार
एससी/एसटी
को
प्रमोशन
में
आरक्षण
दे
सकती
है।
लेकिन
शर्त
ये
रखी
थी
कि
प्रमोशन
में
आरक्षण
से
पहले
यह
देखना
जरूरी
होगा
कि
अपर्याप्त
प्रतिनिधित्व
है
या
नहीं।
केंद्र
सरकार
की
इस
याचिका
की
सुनवाई
में
पक्षकारों
के
वकील
शांति
भूषम
ने
नागराज
के
फैसले
पर
पुनर्विचार
को
लेकर
सरकार
की
याचिका
का
विरोध
किया
था।
उन्होंने
इसे
वोट
बैंक
की
राजनीति
बताया
था।