महागठबंधन की दिखी पहली झलक, अखिलेश यादव के बचाव में उतरीं मायावती
यूपी में बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव के बीच होने वाले महागठबंधन की झलक पहली बार दिखाई दी है।
नई दिल्ली। यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party)के बीच आधिकारिक तौर पर गठबंधन का ऐलान भले ही ना हुआ हो, लेकिन दोनों दलों ने सोमवार को अपनी एकजुटता की झलक दिखला दी। दरअसल, यूपी के अवैध खनन मामले में अफसरों और सपा-बसपा (SP-BSP) के नेताओं पर सीबीआई (CBI) की छापेमारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बचाव में बसपा अध्यक्ष मायावती (Mayawati) उतर आईं हैं। मामले को लेकर सपा सांसद रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) और बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने सोमवार को संसद में संयुक्त तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बसपा (BSP) और सपा (SP) में दूसरे नंबर के नेता के तौर पर गिने जाने वाले सतीश मिश्रा और रामगोपाल यादव ने भाजपा समेत केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
'हम सड़क पर उतरे तो काम करना मुश्किल हो जाएगा'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, 'अवैध खनने के मामले में जो पीआईएल दाखिल हुई है, उसमें कहीं अखिलेश यादव का नाम नहीं है, इसके बावजदू यूपी सरकार के एक मंत्री दिल्ली पहुंचकर और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अखिलेश यादव का नाम ले रहे हैं। ऐसा लगता है कि बसपा और सपा के साथ आने की खबर सुनकर ही घबराई भाजपा ने सीबीआई यानी तोते से गठबंधन कर लिया है। सरकार सीबीआई के दम पर हमें डराना चाहती है लेकिन ये दांव उल्टा पड़ जाएगा। अवैध खनन के मामले से अखिलेश यादव का कोई लेना-देना नहीं है। आरोप अधिकारियों पर है लेकिन बीजेपी सपा-बसपा के नजदीक आने से डर गई है और हताशा में ये कदम उठा रही है। हम चेतावनी दे रहे हैं कि सपा और उनके सहयोगी अगर सड़क पर उतरेंगे तो भाजपा का काम करना मुश्किल हो जाएगा।'
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'भाजपा ने CBI को नया साथी बना लिया है'
वहीं, बसपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, 'भारतीय जनता पार्टी सपा और बसपा से डर गई है। इस सरकार ने सीबीआई जैसी संस्था को बर्बाद कर दिया है। आज सीबीआई के दो टुकड़े हो चुके हैं। यूपी में भाजपा के शासन में अराजकता का माहौल है। अब अवैध खनन के मुद्दे और हाईकोर्ट का हवाला देकर केंद्र सरकार मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के बाकी साथी साथ छोड़कर जा रहे हैं इसलिए उन्होंने सीबीआई को अपना नया साथी बनाया है। अब उन्हें लग रहा है कि कुंभ मेले से भला हो जाएगा। एक दिन में प्रचार पर जितना खर्च किया जा रहा है, उससे रोज एक स्कूल बनाया जा सकता है। यूपी में आज ना बच्चे सुरक्षित हैं और ना ही महिलाएं।'
पहली बार साथ आए सपा-बसपा नेता
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओें ने सामने आकर संयुक्त तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। अभी तक दोनों दलों की तरफ से किसी ने भी महागठबंधन को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं किया है। सीटों के बंटवारे को लेकर भी मीडिया में केवल सूत्रों के हवाले से ही खबरें आ रही हैं। ऐसे में अखिलेश यादव के बचाव में मायावती के उतरने से स्पष्ट हो गया है कि दोनों दलों के बीच महागठबंधन को लेकर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। अवैध खनन मामले को लेकर अखिलेश यादव का नाम लिए जाने पर कांग्रेस भी भाजपा पर हमला बोल चुकी है।
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