Election results 2019: इस नेता को सबसे कम मार्जिन से मिली हार, जानिए कितने रहा वोटों का अंतर
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने अपने दम पर 302 सीटें जीत ली हैं और एक सीट पर आगे चल रही है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है। गुजरात की नवसारी लोकसभा सीट से बीजेपी के सीआर पाटिल ने इस चुनाव में 6 लाख 89 हजार 668 वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के उम्मीदवार भोलेनाथ सरोज को उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से सबसे कम मार्जिन से जीत मिली। उन्होंने बीएसपी के उम्मीदवार त्रिभुवन राम को मात्र 181 वोटों से हराया।
भोलेनाथ सरोज को 181 वोटों से मिली जीत
प्रयागराज व जौनपुर से सटी हुई मछलीशहर लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार भोलेनाथ सरोज और बीएसपी के त्रिभुवन राम के बीच कांटे की टक्कर हुई। भोलेनाथ को इस चुनाव में 488397 वोट मिले वहीं बीएसपी के उम्मीदवार को 488216 वोट मिले। इस तरह भोलेनाथ ने त्रिभुवन को मात्र 181 सीटों से मात दी। नोटा को 10830 वोट मिले। इस सीट पर 16 उम्मीदवार मैदान में थे। यहां तीसरे नंबर पर सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के राज नाथ रहे। उन्हें 11223 वोट मिले। यहां कुल 1034925 वोट पड़े।
मछलीशहर में 12 मई को हुई थी वोटिंग
बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद राम चरित्र निशा को टिकट काटकर बीपी सरोज को मैदान में उतारा। वो हाल ही में बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। सरोज का सामना बीएसपी के त्रिभुवन राम और जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के अमरनाथ पासवान से था, जिन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राम चरित्र निशा को टिकट देने से इनकार कर दिया है और बीपी सरोज को मैदान में उतारा है, जो हाल ही में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। सरोज का सामना बीएसपी के त्रिभुवन राम और जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के अमरनाथ पासवान से था, जिन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इसमें जौनपुर जिले के चार विधानसभा क्षेत्र और वाराणसी जिले की एक विधानसभा सीट शामिल है। यहां छठें चरण में 12 मई को वोटिंग हुई थी। जब 2009 में आरक्षित हुई सीट के लिए पहला चुनाव हुआ था, तब सरोज ने सपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। उनसे पहले ब बाहुबली नेता उमाकांत यादव इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें बीएसपी ने टिकट दिया था।
लोकसभा चुनाव के इतिहास में 9 वोटों से हार का इतिहास
अगर लोकसभा चुनाव के इतिहास की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश की अनाकापल्ली सीट पर कांग्रेस के कोनाथला रामकृष्ण ने साल 1989 में सिर्फ 9 वोटों से जीत हासिल की थी। साल 1998 में बिहार की राजमहल सीट पर बीजेपी के सोम मरांडी को भी 9 वोटों से जीत मिली थी। 1996 में कांग्रेस के सत्यजीतसिंह गायकवाड़ को गुजरात की बडोदा सीट पर 17 मतों से जीत मिली थी
यूपी में किसको कितनी सीट?
यूपी में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और बीएसपी-एसपी-आरएलडी गठबंधन के बीच त्रिकोणीय लड़ाई थी। बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की सीट के बंटवारे के फार्मूले के तहत,मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कुल 80 सीटों में से 38 लोकसभा सीटों पर, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी 37 सीटों पर और चौधरी अजित सिंह की राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। गठबंधन ने कांग्रेस के सोनिया गांधी (रायबरेली) और राहुल गांधी (अमेठी) के लिए दो छोड़ दिए है। इस बार बीजेपी को 62,अपना दल को 2,बीएसपी को 10, सपा को 5 और कांग्रेस को एक सीट मिली। राहुल अमेठी से चुनाव हार गए। साल 2014 में बीजेपी ने 71 सीटें जीती थीं। भाजपा की सहयोगी अपना दल ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। समाजवादी पार्टी को पांच, कांग्रेस को 2 और बीएसपी का खाता नहीं खुला था। इस बार