किसानों के समर्थन में आईं मायावती, कहा-'केंद्र सरकार नये कृषि कानूनों पर फिर से विचार कर लो तो बेहतर होगा'
नई दिल्ली: BSP Mayawati On Farmers Protest: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शनिवार (28 नवंबर) को लगातार तीसरे दिन भी सिंघू और टिकरी सीमा पर डटे रहे। हालांकि किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में एक स्थान की पेशकश की गई थी। इसी बीच रविवार (29 नवंबर) को बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर किसानों के समर्थन में अपनी बात कही है। मायावती ने किसानों के समर्थन में कहा है कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों पर फिर से विचार करना चाहिए।

मायावती ने कहा- सरकार फिर करें कानून पर विचार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, ''केंद्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित और आंदोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।''
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) November 29, 2020
किसान आज लेंगे आंदोलन के बारे में अहम फैसला
किसानों के नेता दिल्ली द्वारा निर्धारित स्थान में विरोध प्रदर्शन करने की बात का फैसला आज रविवार सुबह बैठक में लेंगे। शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर अब भी बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। किसानों का कहना है कि जब तक क्रेंद सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी वो विरोध करते ही रहेंगे। किसान नेताओं ने अभी तक र आंदोलन के लिए पुलिस द्वारा निर्धारित स्थान बुराड़ी मैदान पर जाने का फैसला नहीं किया गया है।
अमित शाह ने किसानों से की ये अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की है कि अगर वो बुरारी के निरंकारी मैदान में विरोध प्रदर्शन करने के लिए जाते हैं तो उसके अगले ही दिन किसानों की बात केंद्र सरकार सुनेगी। किसानों से कहा गया है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित मैदान में प्रदर्शन जारी रख सकते हैं।