Article 370 पर समर्थन के अगले दिन अब मायावती ने किया ये ट्वीट
धारा 370 हटाए जाने के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करने के बाद अब मायावती ने ट्वीट कर ये बयान दिया है...
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के प्रस्ताव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने राज्यसभा और लोकसभा में मोदी सरकार का समर्थन किया है। मोदी सरकार की धुर विरोधी मानी जाने वाली बसपा के अलावा आम आदमी पार्टी, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस इस प्रस्ताव पर सरकार के पक्ष में खड़ी हुई नजर आई। वहीं, कांग्रेस में भी जनार्दन द्विवेदी, दीपेंद्र हुड्डा और विधायक अदिति सिंह जैसे बड़े नेताओं ने पार्टी लाइन से अलग हटकर सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करने के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर एक बड़ी बात कही है।
'अब बीएसपी उम्मीद करती है कि...'
मायावती ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'संविधान की 'सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय' की मंशा को देश भर में लागू करने हेतु जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी धारा 370 व 35ए को हटाने की मांग काफी लंबे समय से थी। अब बीएसपी उम्मीद करती है कि इस सम्बंध में केंद्र सरकार के फैसले का सही लाभ वहां के लोगों को आगे मिलेगा।' मायावती ने अगले ट्वीट में कहा, 'इसी प्रकार, जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख को अलग से केंद्र शासित क्षेत्र घोषित किए जाने से खासकर वहां के बौद्ध समुदाय के लोगों की बहुत पुरानी मांग अब पूरी हुई है, जिसका भी बीएसपी स्वागत करती है। इससे पूरे देश में विशेषकर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बौद्ध अनुयाई काफी खुश हैं।'
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AAP ने भी किया मोदी सरकार का समर्थन
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी मोदी सरकार को समर्थन दिया है। राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर को लेकर लिए गए फैसले पर सरकार का समर्थन करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा।' वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'कश्मीर को दिल्ली व पुड्डुचेरी के साथ तुलना करना ठीक नहीं। दिल्ली व पुड्डुचेरी शांत प्रदेश हैं, उनमें पूर्ण राज्य बेहतर प्रशासन लाएगा। कश्मीर का 2/3 हिस्सा पाकिस्तान और चीन के कब्जे में है। कश्मीर में एक साल में 150 बार घुसपैठ हो रही है। इनकी तुलना तर्कसंगत नहीं।'
जम्मू कश्मीर से हटा आर्टिकल 370
आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का प्रस्ताव पेश किया था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून राज्य से हट गया है और जम्मू-कश्मीर राज्य को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो चुका है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है, वहीं लद्दाख भी जम्मू-कश्मीर से अलग होकर बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। दरअसल, आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था, जिसके तहत केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकती थी। इस फैसले के बाद अब कोई भी भारतीय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में संपत्ति खरीद सकेगा। यानी राज्य में संपत्ति खरीदने से रोकने वाले भेदभावपूर्ण प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।
अब खरीद सकेंगे घाटी में प्रॉपर्टी
इस फैसले का सीधा मतलब है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलेगा भले ही वो एक ऐसे व्यक्ति से शादी करने का फैसला करें जो जम्मू और कश्मीर का रहने वाला नहीं है। इसके अलावा, विस्थापित कश्मीरी पंडित अब अपने वतन लौटने, अपना घर और दुकानें खरीदने के सपने को साकार कर सकते हैं। धारा 370 पर फैसले के बाद भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक अगर चाहे तो जम्मू-कश्मीर में घर, प्लॉट, खेती की जमीन, दुकान आदि को खरीद सकेगा। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद राज्य के अंदर प्रॉपर्टी के रेट बढ़ेंगे और रियल इस्टेट बाजार में भी तेजी देखने को मिलेगी। पहले केवल राज्य का निवासी ही संपत्ति को खरीद सकता था और भारतीयों को संपत्ति खरीदने पर रोक थी। ऐसी स्थिति के कारण कश्मीर के लोगों को नौकरियों का नुकसान हुआ।
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