चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के रोक पर क्या बोलीं बसपा प्रमुख मायावती ?
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने चुनाव आयोग की ओर से उन पर लगाए गए 48 घंटे के प्रतिबंध को दबाव में लिया गया फैसला बताया है। मायावती ने चुनाव आयोग की ओर से उनके चुनाव प्रचार पर लगाए गए रोक को एक साजिश और लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से मायावती पर किसी भी चुनावी गतिविधि में शामिल होने पर 48 घंटे के प्रतिबंध की मियाद को मंगलवार सुबह 6 बजे से शुरू होगी।
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चुनाव आयोग के इतिहास में काला दिन बताया
मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने एकतरफा फैसला दिया है। मुझे बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस दिन को चुनाव आयोग के इतिहास में एक काले दिन के रूप में जाना जाएगा। मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी के लिए आंख कान बंद कर रखे हैं और पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पूरी छूट दे रखी है लेकिन दलित नेता पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि चुनाव आयोग ने मायावती के बाद यूपी के मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे का चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है।
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मायावती ने मुस्लिमों से वोट देने की अपील की थी
दरअसल मायावती और योगी आदित्यनाथ ने धर्म के आधार पर बयानबाजी की थी, जिसे आदर्श आचार संहिता माना गया था, बावजूद इसके इन नेताओं के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार भी लगाई थी। मायावती ने यूपी के सहारनपुर जिले के देवबंद में हुई सपा-बसपा और रालोद महागठबंधन रैली में मुस्लिम समाज से सिर्फ महागठबंधन को वोट देने की अपील की थी।
मेनका गांधी और आजम खान पर भी प्रचार के लिए प्रतिबंध
बता दें कि सोमवार को चुनाव आयोग ने कड़ा फैसला लेते हुए सपा के नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान पर भी 72 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है। आजम खान पर 72 घंटे का यह प्रतिबंध मंगलवार सुबर 10 बजे से प्रभावी होगा। दरअसल आजम खान ने रविवार को रामपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
माया-योगी पर चुनाव आयोग ने उठाया सख्त कदम, प्रचार करने पर लगाई रोक