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UP में BSP को महागठबंधन ने बचाया, बाहर जमानतें जब्त, NOTA भी आगे

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नई दिल्ली- बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) इसबार के चुनाव में दक्षिण भारत तक प्रचार कर आईं। उनकी पार्टी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान से आगे निकलकर केरल, तमिलनाडु तक में चुनाव लड़ा। लेकिन, बहनजी की पार्टी को उत्तर प्रदेश (UP) छोड़कर कहीं किसी ने तबज्जो नहीं दिया। पूरे देश में चुनाव लड़ने का उनका मकसद राष्ट्रीय पार्टी की पहचान बनाए रखना था, लेकिन यूपी के अलावा देश के बाकी हिस्सों के वोटरों ने उनके सियासी मंसूबों को तार-तार कर दिया है।

राजस्थान में सभी सीटों पर जमानत जब्त

राजस्थान में सभी सीटों पर जमानत जब्त

बीएसपी (BSP) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्थान (Rajashtan) में कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया हुआ है। लोकसभा के चुनाव में पार्टी ने राजस्थान की 25 में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जमानत गंवा दी। आलम ये है कि कुछ दिन पहले तक प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाली मायावती (Mayawati) की पार्टी के उम्मीदवारों को 10 सीटों पर तो नोटा (NOTA) से भी कम वोट मिले हैं।

बाकी राज्यों में भी फिसड्डी रही

बाकी राज्यों में भी फिसड्डी रही

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार बीएसपी (BSP) के समर्थन पर भी टिकी हुई है। राज्य में इसने जितने भी उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से कुछ को छोड़कर अधिकतर की जमानतें जब्त हो गईं। बसपा ने जम्मू-कश्मीर की जम्मू और ऊधमपुर लोकसभा सीटों पर भी अपने पत्याशी उतारे थे, दोनों में से कोई भी अपनी जमानत नहीं बची। जम्मू में जहां बीएसपी के प्रत्याशी को महज 14 हजार और ऊधमपुर लोकसभा सीट पर 16 हजार वोट ही मिले। बिहार में भी सभी सीटों पर पार्टी की जमानतें जब्त हो गईं। हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों में मंडी को छोड़कर सभी जगह बसपा से ज्यादा वोट नोटा (NOTA) को मिला। महाराष्ट्र में भी उसने जहां भी चुनाव लड़ा अपनी जमानत नहीं बचा पाई। मुंबई की 6 सीटों पर भी उसके उम्मीदवारों को
नोटा से कम वोट मिले।

दक्षिण भारत में विस्तार का सपना चकनाचूर

दक्षिण भारत में विस्तार का सपना चकनाचूर

2019 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने दक्षिण के तीन बड़े राज्यों केरल (Kerala), कर्नाटक (Karnatka) और तमिलनाडु (Tamilnadu) तक में अपने प्रत्याशी उतारे थे। खुद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने वहां जाकर चुनावी रैलियां कीं। उन्होंने देश के दूसरे हिस्सों के अलावा यहां भी पूरा जोर लगाया था। लेकिन, जमानतें कहीं नहीं बच पाई।

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बाकी राज्यों से ठीक रहा पंजाब

बाकी राज्यों से ठीक रहा पंजाब

उत्तर प्रदेश के बाद बसपा (BSP) पंजाब की तीन सीटों पर ही ढंग की लड़ाई लड़ पाई। आनंदपुर साहिब में पार्टी को करीब डेढ़ लाख वोट मिले, जो कि कुल पड़े वोटों का 14% है। इसी तरह होशियारपुर में सवा लाख से ज्याद वोट मिले, जो कि कुल पड़े वोट का 13% है। लेकिन, पार्टी सबसे ज्यादा फायदे में जालंधर में रही। यहां उसके प्रत्याशी को 2 लाख से ज्यादा वोट मिले और उसका उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा।

यूपी में सपा के चलते लगी बसपा की लॉटरी

यूपी में सपा के चलते लगी बसपा की लॉटरी

इस चुनाव में मायावती (Mayawati)की पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा उम्मीद के मुताबिक यूपी में ही मिला है। 2014 में उसका एक भी उम्मीदवार यहां से लोकसभा नहीं पहुंच पाया था। लेकिन, मायावती (Mayawati) इसबार अपने उस फैसले पर खुश होती होंगी, जब बीएसपी (BSP) का राज्य में समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के साथ गठबंधन हुआ था। मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को मात देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीएसपी को 80 में से 38 सीटें लड़ने के लिए दीं और अपनी पार्टी के पास सिर्फ 37 सीटें रखी थीं। लेकिन, गठबंधन का फायदा सपा को तो नहीं हुआ, उल्टे उसका वोट शेयर भी घटकर 17.96% रह गया। लेकिन, बीएसपी ने गठबंधन की साइकिल पर सवार होकर अपने 19.26% वोट शेयर के साथ अपने 10 सांसदों को संसद पहुंचा दिया।

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English summary
bsp candidates lost their deposits out of up
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