चौथी बार सीएम बने बीएस येदियुरप्पा, तीन बार पूरा नहीं कर पाए कार्यकाल
बेंगलुरु: बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली। उन्हें राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्हें आज सुबह ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्हें 31 जुलाई तक बहुमत साबित करना है। गौरतलब है कि मंगलवार को 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई। सीएम कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट नहीं पास कर पाए थे। बीएस येदियुरप्पा भले ही चौथी बार सीएम बने हों पर वो अभी तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं।
बीएस येदियुरप्पा नहीं पूरा कर पाए कार्यकाल
इससे पहले बीएस येदियुरप्पा तीन बार पहले भी सीएम बन चुके हैं पर कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। 76 साल के येदियुरप्पा को 2007 में दक्षिण भारत में पहली बार बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार बनाने का श्रेय जाता है। बीएस येदियुरप्पा ने पहली बार 12 नवंबर 2007 को पहली बार सीएम पद की शपथ ली। लेकिन वो सात दिन तक ही सीएम बन पाए। जेडीएस के समर्थन वापस लेने की वजह से सरकार गिर गई।
दूसरी बार 3 साल के लिए बने सीएम
बीएस येदियुरप्पा दूसरी बार 30 मई 2008 को कर्नाटक के सीएम बने। इस बार वो 31 जुलाई 2011 तक सीएम रहे। लोकायुक्त की जांच में भ्रष्टाचार में उनका नाम आया। इस वजह से उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। उनकी जगह बीजेपी ने सदानंद गौड़ा को सीएम बनाया। इस तरह येदियुरप्पा दूसरी बार भी सीएम के तौर पर कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। दूसरी बार वो 3 साल 62 दिन के लिए सीएम बने
तीसरी बार 2018 में ली शपथ
पिछले साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। 224 विधानसभा वाली कर्नाटक में बीजेपी 8 सीट से बहुमत हासिल करने से चुक कई थी। 17 मई 2018 को बीएस येदियुरप्पा ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन वे बहुमत साबित करने का जादुई आंकड़ा नहीं जुटा सके। 23 मई को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद कांग्रेस के सहयोग से जेडीएस के कुमारस्वामी सीएम बने। अब देखना होगा कि येदियुरप्पा चौथे कार्यकाल में क्या होगा?
एक फिर बदली नाम की स्पेलिंग
माना जाता है कि बीएस येदियुरप्पा ज्योतिष में काफी विश्वास रखते हैं। अब उन्होंने एक बार फिर से अपने नाम से एक डी हटाकर आई जोड़ लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखे उनके लेटर में लेटरहेड पर उनका स्पेलिंग बदला हुआ नाम था। इसी के साथ आज राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने वाले लेटर में भी उन्होंने इसी का उपयोग किया। वो पहले भी अपने नाम में एक आई हटाकर डी जोड़ चुके हैं। उन्होंने इसकी सूचना समाचार पत्रों में भी दी थी।
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