बिना चुनाव हारे लोकसभा में भाजपा की हो गईं दो सीटें कम, अब केवल 272
नई दिल्लीः कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीएस येदुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। येदुरप्पा के साथ-साथ बी श्रीरामुलु ने भी शनिवार (19मई) को सांसद पद से शपथ दिया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर 282 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। लेकिन उप-चुनावों में हार और कुछ सांसदों के इस्तीफों के बाद भाजपा लोकसभा में बहुमत के आंकड़े 272(स्पीकर को छोड़कर) से नीचे आ गई है।
कम हुई हैं भारतीय जनता पार्टी की सीटें
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी सांसद कीर्ति आजाद पार्टी को सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं, पार्टी सांसद शत्रघ्न सिन्हा लगातार बागी तेवर अपनाए हुए हैं और कई बार पार्टी के खिलाफ बोल चुके हैं।
गोरखपुर और फूलपुर के उप-चुनाव में बीजेपी के हार का सामना करना पड़ा था
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के 30 साल बाद ऐसा हुआ था जब किसी पार्टी ने 272 का आकंड़ें के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया हो। भले ही लोकसभा में भाजपा के 272 से कम सासंद हो गए हैं, लेकिन मोदी सरकार पर कोई खतरा नजर नहीं रहा है। क्योंकि, अपने सहयोगी के साथ मिलकर भाजपा आसानी से बहुमत के आंकड़े को हासिल कर रही है। इसी साल, मार्च के महीने में गोरखपुर और फूलपुर के उप-चुनाव में बीजेपी के हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद लोकसभा में बीजेपी का आंकड़ा घटकर 274 हो गया। इस हार के बाद विपक्ष ने भाजपा पर निशाना साधा था।
28 मई को होने हैं चार लोकसभा उपचुनाव
28 मई को देश में चार लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया, पालघर, यूपी की कैराना और नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के इस्तीफे से ये सीटें खाली हुई हैं। इन सीटों पर जीत के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंकना चाहेगी।
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