LAC पर तैनाती के लिए BRO के नए पुल से गुजरेगा सेना का सबसे भारी टैंक अर्जुन!
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ऐसे 44 पुलों का उद्घाटन किया है जो सेना के लिए काफी मददगार साबित होने वाले हैं। इन सभी पुलों को बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की तरफ से तैयार किया गया है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि यह बीआरओ की रिकॉर्ड तोड़ परफॉर्मेस है। ये सभी पुल उन 120 ब्रिज प्रोजेक्ट्स का हिस्सा हैं जो बीआरओ के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। ये तमाम ब्रिज सेना के भारी युद्धक टैंक्स जैसे टी-90 तक का बोझ उठा सकते हैं।
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आसानी से गुजर सकेगा 70 टन का टैंक
एक अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि 44 में से 30 ब्रिज ऐसे हैं जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पड़ते हैं। ये सभी क्लास 70 ब्रिज हैं यानी उस तकनीक से बनाए गए हैं जो 70 टन के वाहन का बोझ भी झेल सकते हैं। इंडियन आर्मी के पास सबसे भारी टैंक अर्जुन है जिसका वजन 60 टन है। इसके अलावा टी-90 भीष्म टैंक्स का वजन भी करीब 45 टन है। भीष्म टैंक्स को इस समय लद्दाख में एलएसी पर चीन को जवाब देने के लिए तैनात किया गया है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी टकराव के बीच निश्चित तौर पर यह एक बड़ा घटनाक्रम है। केंद्र सरकार की तरफ से बीआरओ के वार्षिक बजट में भी इजाफा किया गया है।
केंद्र सरकार ने बढ़ाया बीआरओ का बजट
बीआरओ के लिए साल 2008-2016 तक करीब 5,000 करोड़ का बजट रखा गया था। साल 2020-21 में इसे बढ़ाकर 11,000 करोड़ का कर दिया गया है। पिछले कुछ समय में सीमा पर हलचल में तेजी आई है। सेना हाई अलर्ट पर और उत्तर से लेकर पश्चिम तक कहीं भी कोताही नहीं बरती जा रही है। कम समय में सैनिकों, वाहनों और हथियारों को बॉर्डर तक पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कई बार दुर्गम इलाकों से गुजरना होता है, जहां पहाड़ियां, नदी, मौसम की खराबी जैसी मुश्किलों का सामना करना होता है। भारत सरकार पिछले कुछ समय से ऐसे इलाकों पर खासा जोर दे रही है, जो चीन बॉर्डर के करीब हैं। इन पुलों के उद्घाटन के बाद तेजी से जवानों को तैनात किया जा सकेगा। साथ ही सेना के उपकरणों को संकट की स्थिति में तेजी से रवाना किया जा सकेगा।
मिशन के तहत चीन पैदा कर रहा तनाव
सरकार की तरफ से इस वर्ष बीआरओ को मिलने वाला हर वर्ष का लक्ष्य दोगुना कर दिया था। इस बार बीआरओ को 102 पुल बनाने का लक्ष्य दिया गया था। जबकि हर वर्ष उसके जिम्मे 50 पुलों को तैयार करने का लक्ष्य होता है। रक्षा मंत्री ने इस उद्घाटन के मौके पर कहा, हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से भी आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान, और अब चीन के द्वारा भी, मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7,000 किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां आए दिन तनाव बना रहता है।'
चीन बॉर्डर के करीब बनेगी सुरंग
रक्षा मंत्री राजनाथ ने चीन बॉर्डर के करीब अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए निचिफू टनल की आधारशिला भी रखी है। जिन पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया है वे सभी चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के बीच संपर्क बढ़ाने का काम करने वाले हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि इन पुलों में कई छोटे, तो कई बड़े पुल हैं लेकिन उनकी महत्ता का अंदाजा उनके आकार से नहीं लगाया जा सकता है। शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार हो या खाद्य आपूर्ति, सेना की सामरिक आवश्यकता हो या अन्य विकास के काम, इन्हें पूरा करने में ऐसे पुलों और सड़कों की समान, और अहम भूमिका होती है।