ब्रिटिश हाईकमीशन ने कहा- भारत से पूछेंगे, हमारी एमपी को एंट्री क्यों नहीं दी गई
नई दिल्ली। ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद डेबी अब्राहम को भारत में प्रवेश ना दिए जाने के मामले को ब्रिटिश हाईकमीशन ने संबंधित अधिकारियों के सामने उठाने की बात कही है। ब्रिटिश हाईकमीशन के प्रवक्ता ने कहा है कि इस मामले को लेकर हम भारतीय अफसरों के संपर्क में है कि आखिर क्यों सांसद डेबी अब्राहम को एयरपोर्ट पर ही क्यों रोका गया और उनकी एंट्री भारत में क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि डेबी को मदद के लिए काउंसलर भी उपलब्ध कराया गया है।
कश्मीर के मुद्दे पर भारत सरकार के रुख की आलोचक ब्रिटेन की सांसद डेबी अब्राहम सोमवार सुबह दिल्ली पहुंची थीं। बताया गया कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है। ऐसे में उनको इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से बाहर आने की इजाजत नहीं दी गई। डेबी ब्रिटेन में कश्मीर पर ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप की अध्यक्ष भी हैं। डेबी 2 दिन की निजी यात्रा पर भारत पहुंची थीं।
अब्राहम 17 फरवरी की सुबह करीब 9 पर दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची थीं। उनका कहना है कि उनके पास अक्टूबर 2020 तक का वैध ई-वीजा था, लेकिन उन्हें बताया गया कि वीजा रद्द कर दिया गया है। एक बयान में अब्राहम ने कहा कि उनसे अपराधी जैसा व्यवहार किया गया और वो डिपोर्ट किए जाने का इंतजार कर रही हैं।
डेबी ने बयान में कहा, बाकी लोगों की तरह मैंने भी अपने दस्तावेज इमिग्रेशन डेस्क पर रखे, जिसमें मेरा ई-वीजा, पासपोर्ट साइज फोटो शामिल थे। तब अधिकारी ने स्क्रीन की तरफ देखा और अपना सिर हिलाया। फिर उसने मुझे कहा कि मेरा वीजा रद्द हो गया है, मेरा पासपोर्ट लेकर वो 10 मिनट तक वहां से गायब रहा। जब वो मेरे पास वापस आया तो काफी गुस्से में था और मुझपर चिल्लाते हुए बोला कि 'मेरे साथ आओ'। मैंने उससे कहा कि मुझसे इस तरह से बात मत कीजिए और फिर वह मुझे डिपोर्टी सेल की ओर ले गया।
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ब्रिटिश सांसद को यह जानकारी दी गई थी कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है लेकिन बावजूद इसके वह दिल्ली पहुंच गईं। बता दें कि डेबी ब्रिटेन के सांसदों के उस समूह का हिस्सा हैं जिसने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने के बाद आधिकारिक लेटर लिखा था।
इस मामले को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, अगर कश्मीर में चीजें ठीक हैं तो क्या सरकार को आलोचना करने वालों को खुद की नजर से वहां की स्थिति नहीं देखने देनी चाहिए थी ताकि उनके डर पर विराम लगे?
जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले को बताया था चिंताजनक, अब ब्रिटिश सांसद को भारत में नहीं मिली एंट्री