चुशुल में चौथे दिन भी भारत-चीन के बीच जारी है बिग्रेड कमांडर मीटिंग
नई दिल्ली। 29 और 30 अगस्त को पूर्वी लद्दाख के चुशुल में चीन की तरफ से हुए घुसपैठ के प्रयास के बाद भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एक बार फिर भारत और चीन की सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता चुशुल में जारी है। सेना ने पैंगोंग त्सो के दक्षिण में सभी अहम रणनीतिक पोस्ट्स पर कब्जा कर लिया है। शनिवार की रात चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने चुशुल में घुसपैठ की कोशिशें की थी। करीब 500 पीएलए सैनिक, चुशुल में दाखिल हुए थे। लेकिन भारत की सेना ने इन्हें खदेड़ दिया है। इसके बाद से ही पैंगोंग के दक्षिणी हिस्से में तनाव बना हुआ है।

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ब्रिगेड कमांडर मीटिंग फिर बेनतीजा
सेना की तरफ से कहा गया था कि चीन ने लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल (एलएसी) की स्थिति में बदलाव की कोशिशें की हैं। भारत ने पैंगोंग झील के उत्तर में अपनी तैनात को बढ़ा दिया है। भारत और चीन के ब्रिगेड कमांडर मीटिंग पिछले चार दिनों से जारी है। सेना सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि गुरुवार की मीटिंग एक खुली जगह पर हो रही है और इस बार मीटिंग बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) पर नहीं हो रही है। आमतौर पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच वार्ता बीपीएम पर ही होती है। बुधवार को भी मीटिंग बेनतीजा खत्म हो गई थी। मीटिंग का कोई नतीजा अभी तक नहीं मिल सकी है। भारत इस समय देमचोक और चुमार इलाके में पूरी मजबूती के साथ मौजूद है। यह वह हिस्सा है जहां से ल्हासा-काश्गर (219) हाइवे पर नजर रखी जा सकती है।
भारत से चीन ने की गुजारिश
ल्हासा-काश्गर वह संवेदनशील रास्ता है जहां से पीएलए के जवानों को साजो-सामान की सप्लाई की जाती है। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि चीन सेना चाहती है कि भारत चुमार-देमचोक से पीछे हट जाए। वहीं भारत ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है। फिंगर 3 और 4 तक जवानों की भारी तैनाती है। आपको बता दें पैंगोंग झील के उत्तरी हिस्से में चीनी सैनिक मई माह से जमे हुए हैं। सेना को आशंका है कि चीनी सैनिक यहां पर कोई हरकत कर सकते हैं। उनके किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सेना ने अपनी तैनाती को और मजबूत कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि ब्लैक टॉप जिस पर अब भारत का नियंत्रण है, वहां पर भारतीय और चीनी सैनिक बहुत करीब हैं। भारत की सेना ने पैंगोंग लेक के दक्षिण में ऊंची पहाड़ियों पर कब्जे की कोशिश की थीं। ये पहाड़ियां स्पांग्गुर गैप तक हैं।