रूस के विदेश मंत्री की अध्यक्षता में हुई ब्रिक्स की बैठक, एस जयशंकर ने कही ये बात
नई दिल्ली। कोरोना काल में आज यानी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्रिक्स (BRICS) की बैठक हुई। इस बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रियों ने राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, व्यापार, वित्तीय और सतत विकास क्षेत्रों में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स की बैठक आयोजित करने के लिए रूस के विदेश मंत्री सर्गे लैवरोव को शुक्रिया किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'BRICS के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करने के लिए रूस के विदेश मंत्री सर्गे लैवरोव को शुक्रिया। रूस की अध्यक्षता में साकारात्मक रूप प्रगति हुई है। खासकर काउंटर टेररिज्म, इकनॉमिक को-ऑपरेशन, आईसीटी और पीपल टु पीपल कॉन्टैक्ट्स के क्षेत्र में।' इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी हिस्सा लिया। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत-चीन तनाव के बीच ब्रिक्स की बैठक में एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के एक मंच पर होने से उम्मीद जताई जा रही थी कि सीमा विवाद पर कोई प्रतिक्रिया आ सकती है।
Thank Russian Foreign Minister Sergey Lavrov for convening #BRICS Foreign Ministers’ Meeting today. Positively assessed progress made during Russian Chair, especially in counter-terrorism, economic cooperation, ICTs & people-to-people contacts: EAM Dr. S. Jaishankar pic.twitter.com/VCkzpnH53p
— ANI (@ANI) September 4, 2020
आतंकवाद
से
निपटने
के
लिए
व्यापक
सहयोग
का
आह्वान
बैठक
में
विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
ने
शुक्रवार
को
ब्रिक्स
देशों
के
समूह
से
आतंकवाद
के
खतरे
से
निपटने
के
लिए
सहयोग
बढ़ाने
का
आह्वान
किया।
जयशंकर
ने
वीडियो
कॉन्फ्रेंस
के
माध्यम
से
आयोजित
बैठक
में
यह
बात
कही।
उनके
चीनी
समकक्ष
वांग
यी
ने
भी
सम्मेलन
में
हिस्सा
लिया।
विदेश
मंत्रालय
के
मुताबिक,
अपने
संबोधन
में
जयशंकर
ने
समकालीन
वैश्विक
वास्तविकताओं
और
दुनिया
के
लाखों
लोगों
की
भावनाओं
को
प्रतिबिंबित
करने
के
लिए
संयुक्त
राष्ट्र
में
सुधार
की
आवश्यकता
पर
भी
जोर
दिया।
विदेश
मंत्री
ने
विश्व
व्यापार
संगठन,
अंतरराष्ट्रीय
मुद्रा
कोष
और
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
जैसे
अंतरराष्ट्रीय
निकायों
में
सुधार
के
साथ
ही
संयुक्त
राष्ट्र
सुरक्षा
परिषद
की
स्थायी
और
अस्थायी
दोनों
श्रेणियों
में
विस्तार
का
भी
आह्वान
किया।
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