BoysLockerRoom: एक्ट्रेस ने लिखा ओपन लेटर, बोलीं- 'लड़के, लड़के ही रहेंगे' अब नहीं चलेगा
नई दिल्ली। इंस्टाग्राम पर 'बॉयज लॉकर रूम' (BoysLockerRoom) पर अश्लील चैट का मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने स्वतः संज्ञान लिया है। दरअसल एक ट्विटर यूजर ने 3 मई को 'Bois Locker Room' नाम के एक इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के बारे में खुलासा किया था। जिसके बाद से #BoysLockerRoom ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। इस ग्रुप को लेकर ये बात सामने आई कि इसमें स्कूली लड़के अश्लील मैसेज के जरिए लड़कियों की जिंदगी खराब करने से लेकर दुष्कर्म करने तक की बातें कर रहे थे।
मानवी ने लिखा ओपन लेटर?
जब इस चैटरूम का भंडाफोड़ हुआ तो सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया आईं। अब अभिनेत्री मानवी गगरू ने भी इस मामले पर अपने विचार एक ओपन लेटर के जरिए सामने रखे हैं। चलिए देखते हैं कि उन्होंने इस खत में क्या लिखा है-
'किसी
भी
समाज
का
मापदंड
ये
है
कि
वो
अपनी
महिलाओं
और
लड़कियों
के
साथ
कैसा
बर्ताव
करता
है।'
-
मिशेल
ओबामा
#boyslockerroom
सवाल ये है कि 'हम यहां तक कैसे पहुंचे?' क्या ये हमारे पॉप कल्चर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को सामान्य मान लेने से हुआ? कैजुअल रेप जोक? पुराना लेकिन अब भी प्रचलित 'शादी में बेटी देने' का आइडिया या फिर उन पितृसत्तात्मक रिवाजों से? हां, मिसोजिनी (स्री जाति से द्वेष) घर से ही शुरू होती है। ये हमारे शब्दों में होती है। हमारी लिंग-आधारित नैतिकता से ये पनपती है।
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'ये पहली बार नहीं है जब 'boys locker room' सामने आया है'
उन्होंने लिखा, हम इसका पूरा दोष खराब पेरेंटिंग पर डालकर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते क्योंकि ये पहली बार नहीं है जब 'boys locker room' सामने आया है। और ये आखिरी बार भी नहीं होगा। हम सब इसमें भागीदार हैं। हर बार जब आप सेक्सिस्ट जोक पर हंसते हैं, जब आप अपनी बेटी की शादी के लिए लेकिन बेटे की शिक्षा के लिए पैसा जोड़ते हैं, जब आप एक रेप विक्टिम से पूछते हैं कि उसने क्या पहना था या वो बाहर क्या कर रही थी, ये सब करने से आप एक यंग दिमाग को संभावित रूप से रिवॉर्ड या सजा दे रहे होते हैं।
'क्यों उन मर्दों को हम तर्क के इसी चश्मे से नहीं देखते?'
मानवी ने आगे लिखा- हम क्यों लगातार एक महिला का चरित्र उसके शरीर या जो वो करना चाहती है, उससे जोड़ते हैं? और क्यों उन मर्दों को हम तर्क के इसी चश्मे से नहीं देखते? क्यों हमने एक महिला की 'इज्जत' उसकी योनि में रख दी है, लेकिन ऐसा कुछ भी मर्दों के लिए नहीं किया गया?
हम एक पितृसत्तात्मक समाज में रहते हैं। पुरुषों के विशेषाधिकार हैं। हमें इससे बेहतर होना पड़ेगा। हमें अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करनी होगी। हमें टॉक्सिसिटी को सजा देने और सहानुभूति को रिवॉर्ड देने का Skinnerian मॉडल अपनाना होगा। हम अपने विचारों, शब्दों और एक्शन से सोच बना रहे हैं। हमें बेहतर करना होगा और 'लड़के, लड़के ही रहेंगे' से अब और काम नहीं चलेगा।
अन्य सेलिब्रिटी ने भी प्रतिक्रिया दी
इस मामले में कई अन्य सेलिब्रिटी ने भी प्रतिक्रिया दी है। अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर लिखा, 'इससे पता चलता है कि टॉक्सिक मैस्कुलेनिटी यंग ऐज में शुरू हो जाती है।' अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा कि इस समस्या के कई पहलू हैं। चड्ढा ने लिखा, 'टीनएजर पोर्न को सेक्स एजुकेशन से कन्फ्यूज कर रहे हैं।'
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