'पहले राइफल से मारा, फिर झूठ बोलने के लिए डाला दबाव', नेपाल की हिरासत से छूटे शख्स ने सुनाई आपबीती
नई दिल्ली: सीमा विवाद के बीच शुक्रवार को नेपाल पुलिस ने बिहार से लगती सीमा पर फायरिंग कर दी। इस दौरान तीन भारतीय नागरिक घायल हो गए, जबकि एक को नेपाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। प्रशासन की दखल के बाद शनिवार को उसे रिहा कर दिया गया। सीतामढ़ी वापस लौटे लगन किशोर ने पूरी आपबीती सुनाई। साथ ही नेपाल पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। नेपाल से लौटे नगन किशोर के शरीर पर चोट के कई निशान भी हैं।
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बहू से मिलने गए थे लगन किशोर
लगन किशोर के मुताबिक उनकी बहू नेपाल की रहने वाली है। वो अपने बेटे के साथ सीमा पर बहू के परिवार वालों से मिलने गए थे। इसी दौरान नेपाल पुलिस ने उनके बेटे को मार दिया। इस पर उन्होंने इसकी वजह पूछी। जिस पर नेपाली जवानों ने उन्हें चुप रहने को कहा। इसके बाद उन्होंने 10 और पुलिसवालों को वहां पर बुला लिया। फिर उन्होंने वहां पर फायरिंग शुरू कर दी। लगन किशोर के मुताबिक वो भारतीय सीमा के अंदर आ गए थे, जिस पर नेपाली पुलिस ने उन्हें वापस घसीट कर हिरासत में ले लिया। इस दौरान नेपाली जवानों ने राइफल की बट से उन्हें मारा और नेपाल के संग्रामपुर ले गए।
झूठ बोलने के लिए डाला दबाव
नेपाली पुलिस ने लगन किशोर से झूठ बुलवाने की कोशिश की। वो बार-बार ये कहने का दबाव बना रहे थे कि उन्हें नेपाल सीमा से पकड़ा गया है। जिस पर लगन किशोर ने कहा कि आप चाहें तो मुझे मार दें, लेकिन मैं ऐसा नहीं कहूंगा। लगन किशोर के मुताबिक फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की जान चली गई। इस दौरान वहां पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे, जिस पर नेपाल पुलिस के जवान लाठियां मारने लगे और उन्हें हिरासत में ले लिया।
15 राउंड हुई फायरिंग
मामले में एसएसबी के डीजी राजेश चंद्रा ने बताया कि लगन किशोर की बहू नेपाली है। वो अपने ससुराल वालों के साथ वापस आ रही थी। इस दौरान नेपाल के APF दल ने 14 जून तक जारी लॉकडाउन के चलते उन्हें वहां से जाने को कहा। इस पर दोनों पक्षों में बहस हो गई। फिर लोगों ने फोन करके गांव वालों को बुला लिया। इस दौरान झड़प में APF ने 15 राउंड फायरिंग की, जिसमें तीन लोग घायल हुए, जबकि लगन किशोर को APF ने पकड़ लिया। बाद में एक घायल शख्स का इलाज के दौरान निधन हो गया।
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