एम्स के सीनियर डॉक्टर ने की बूस्टर डोज की सिफारिश, कहा- इजराइल में 40 फीसदी से 93 तक पहुंचा है वैक्सीन का असर
नई दिल्ली, 27 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को देश में कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए एक अहम बैठक करने वाले हैं। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर इस मीटिंग में चर्चा हो सकती है। इसके अलावा इस मीटिंग बूस्टर डोज पर भी चर्चा संभव है। भारत में अब बूस्टर डोज को अनिवार्य किए जाने की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं, क्योंकि दिल्ली में एम्स के अंदर कोविड -19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष नवीत विग ने बूस्टर डोज को लगाने की सिफारिश की है।
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भारत में पड़ेगी बूस्टर डोज की जरूरत- नवीत विग
डॉक्टर नवीत विग ने कहा है कि आने वाले दिनों के अंदर देश में बूस्टर डोज को लगाने की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न आयु समूहों पर बूस्टर डोज की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए तत्काल अध्ययन शुरू करने चाहिए। नवीत विग ने बताया कि इजराइल के अंदर बूस्टर डोज लगने के बाद वैक्सीन का असर 40 फीसदी से बढ़कर 93 फीसदी हो गया है, इसलिए आने वाले दिनों में भारत के अंदर भी बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है।
दुनिया के कई देशों में नए वेरिएंट की दस्तक
आपको बता दें कि नवीत विग की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। दक्षिण अफ्रीका में ये नया वेरिएंट पाया गया है। दक्षिण अफ्रीका के बाद कई अफ्रीकी देशों में और यूरोपीय देशों में कोरोना का नया वेरिएंट मिल चुका है। भारत में भी इसको लेकर अलर्ट जारी है। नए वेरिएंट को लेकर नवीत विग ने कहा है कि नया वेरिएंट एंटीबॉडी के साथ कम न्यूट्रलाइजेशन के साथ अधिक प्रभावी और पारगम्य माना जा रहा है इसलिए हमें समझना होगा कि नए वेरिएंट आते रहेंगे, वैक्सीनेशन सबसे जरूरी है।
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