बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में फिर दायर की लोया केस पर याचिका
मुंबई। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में जज बीएच लोया केस में समीक्षा याचिका दायर की है। अदालत ने पिछले महीने मामले की दोबारा जांच के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद वकीलों के एक समूह ने फिर से सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर केस की फिर से जांच करवाने की मांग की है।
याचिकाकर्ता वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे द्वारा दायर याचिका में अदालत के निष्कर्षों को हटाने की भी मांग की गई और कहा गया कि न्यायपालिका की आजादी पर हमला और न्यायिक संस्थानों की विश्वसनीयता को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि जस्टिस लोया मामले में न्याय का गर्भपात हुआ है।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने 19 अप्रैल 2018 को कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला, पत्रकार बीएस लोने, बांबे लॉयर्स एसोसिएशन सहित अन्य कई पक्षकारों की ओर से जस्टिस लोया की मौत के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों के बयान पर हम संदेह नहीं कर सकते। कोर्च ने कहा कि राजनीतिक लड़ाई मैदान में की जानी चाहिए, कोर्ट में नहीं। कोर्ट ने माना है कि जज लोया की मौत प्राकृतिक है। कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
याचिका दायर करने वाले वकीलों ने कहा कि, उनका प्रयास 'विषय वस्तु को सनसनीखेज करना नहीं था और ना ही न्यायपालिका की आजादी पर हमला करने या न्यायिक संस्थानों की विश्वसनीयता के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास था।' ,याचिकाकर्ता एसोसिएशन का प्रयास पूरे न्यायपालिका को आश्वस्त करना था कि एसोसिएशन अपने जीवन में चुनौती के समय हर न्यायाधीश के पीछे खड़ा होगा।