भिवंडी हादसे पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, उद्धव सकार सहित संबंधित निकायों से मांगा जवाब
भिवंडी हादसे पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, उद्धव सकार सहित संबंधित निकायों से मांगा जवाब
मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे के भिवंडी में तीन मंजिला इमारत ढह कर गिर जाने से 41 लोगों की मौत हो गई। इस मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए महाराष्ट्र सरकार और संबंधित नगर निगमों को पार्टी बनाते हुए एक जनहित याचिका शुरू की।
बता दें भिवंडी में धामनकरना के पटेल कंपाउंड स्थित जिलानी बिल्डिंग 43 वर्ष पुरानी सोमवार ( 21 सितंबर ) तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर ढह गई थी।भिवंडी में तीन मंजिला इमारत ढहने में मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 41 हो गई। इमारत में 40 फ्लैट थे और करीब 150 लोग यहां रहते थे। भिवंडी, ठाणे से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है।
पुलिस के अनुसार मृतकों में 18 बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र दो से लेकर 15 वर्ष के बीच है। अधिकारी ने बताया कि अभी तक 25 लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया है। मलबे से जिंदा निकाले गए घायलों को भिवंडी और ठाणे के अस्पतालों में भर्ती किया गया है। मलबे से निकाले गए शव क्षत-विक्षत हैं, क्योंकि वे 70 घंटे से अधिक समय से दबे थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त की अध्यक्षता वाली पीठ ने महाराष्ट्र राज्य, बृहन्मुंबई महानगर पालिका तथा भिवंडी-निजामपुर, कल्याण-डोम्बिवली, ठाणे और नवी मुंबई की निकाय संस्थाओं को मामले में प्रतिवादी बनाया है। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'भिवंडी की इस घटना के अलावा हमें बताया गया है कि मुंबई में भी स्थिति गंभीर है।' न्यायाधीश ने कहा 'हम राज्य और सभी निकाय संस्थाओं को प्रतिवादी बना रहे हैं और नोटिस जारी कर रहे हैं।'
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