जज को थप्पड़ मारने के मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने जारी की नोटिस
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक सत्र अदालत के जज को कोर्ट परिसर में सहायक अभियोजक द्वारा कथित तौर पर थप्पड़ मारे जाने की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर की अवकाशकालीन पीठ के न्यायमूर्ति आर के देशपांडे ने बुधवार को कहा कि ऐसी घटनाएं "न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा" हैं। गौरतलब है कि सहायक लोक अभियोजक दिनेश पराते ने बुधवार दोपहर को नागपुर जिला एवं सत्र अदालत की सातवीं मंजिल पर एक लिफ्ट के बाहर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश के आर देशपांडे को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था।
पुलिस के अनुसार, वकील किसी मामले में न्यायाधीश के फैसले से नाराज था। पराते ने घटना के बाद भागने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया था। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति देशपांडे ने अपने आदेश में कहा कि यह गंभीर मामला है जहां किसी न्यायाधीश की निजी सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
उच्च न्यायालय ने कहा, ''यह न्यायपालिका की आजादी पर खतरा है। कानून के राज को कमजोर किया जा रहा है। ऐसा अपमानजनक व्यवहार बर्दाश्त करने की जरुरत नहीं है।'' अदालत ने पराते को एक नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर उनसे जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना की कार्रवाई क्यों ना की जाए।