बॉम्बे हाई कोर्ट का बदल सकता है नाम, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाई कोर्ट किए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में रिटायर जज वीपी पाटिल की ओर से यह याचिका दायर की गई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाई कोर्ट रखा जाना चाहिए।
वीपी पाटिल ने अपनी दलील में कहा कि महाराष्ट्र के लोगों के लिए महाराष्ट्र नाम बहुत महत्व रखता है, ये सांस्कृतिक और पौराणिक धरोहर का प्रतीक है। संविधान के तहत उसे संरक्षण भी प्राप्त है इसलिए राज्य के हाई कोर्ट का भी नाम महाराष्ट्र के नाम पर होना चाहिए। बता दें कि याचिका कर्ता वीपी पाटिल प्रधान न्यायाधीश, श्रम न्यायालय, मुंबई थे और 2000 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वीपी पाटिल राज्य न्यायपालिका (महाराष्ट्र) में साल 1974 में शामिल हो गए और 26 वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
Supreme Court issues notice to the Centre and Maharashtra government, among others, on a plea seeking directions to rename Bombay High Court as High Court of Maharashtra
— Press Trust of India (@PTI_News) June 3, 2020
वीपी पाटिल ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कोर्ट को यह स्वीकार करना चाहिए कि स्वायत्तता का अधिकार, भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए जीवन के अधिकार में इसका उल्लेख किया गया है। हाई कोर्ट जैसे सार्वजनिक संस्थान का नाम ही अगर राज्य (महाराष्ट्र) के नाम पर ना हो तो इससे महाराष्ट्रीयन का सांस्कृतिक दावा खतरे में पड़ सकता है। वीपी पाटिल की इस दलील पर चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस एस. ए. बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने अब केंद्र और उद्धव सरकार से जवाब मांगा है।
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