पालघर मामला पहुंचा बॉम्बे हाईकोर्ट, CBI जांच के लिए मांगा गया उद्धव सरकार से जवाब
मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग का मामला अब बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई से दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही कासा पुलिस स्टेशन के 35 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर किया गया था। वहीं इस मामले में 100 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हैं। घटना के बाद से ही मामले की सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी।
पालघर मॉब लिंचिंग घटना की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने के लिए बाम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। साथ ही इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही मामले में महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई से दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है। जिसके बाद मामले की जांच को लेकर हाईकोर्ट फैसला लेगा।
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क्या
है
पूरा
मामला?
दरअसल
महाराष्ट्र
के
पालघर
में
ग्रामीणों
ने
तीन
लोगों
को
चोर
समझकर
पीट-पीटकर
मार
डाला।
मृतकों
की
पहचान
35
वर्षीय
सुशीलगिरी
महाराज,
70
वर्षीय
चिकणे
महाराज
कल्पवृक्षगिरी
और
30
वर्षीय
निलेश
तेलगड़े
के
रूप
में
हुई
है,
निलेश
साधुओं
का
ड्राइवर
था।
ये
तीनों
लोग
मुंबई
से
सूरत
किसी
की
अंत्येष्टि
में
शामिल
होने
जा
रहे
थे।
पालघर
जिले
के
एक
गांव
में
100
से
ज्यादा
लोगों
की
भीड़
इन
पर
टूट
पड़ी।
ग्रामीणों
ने
पुलिस
की
गाड़ी
पर
भी
हमला
किया
था।
बताया
जा
रहा
है
कि
इस
पूरे
इलाके
में
कुछ
दिनों
से
बच्चा
चोर
गिरोह
की
अफवाह
फैली
हुई
थी।
बस
लोगों
ने
इन्हें
इसी
गिरोह
से
संबंधित
समझा
और
बिना
सोचे
समझे
हमला
करना
शुरु
कर
दिया
और
तीनों
को
पीट-पीटकर
मार
डाला।