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बॉम्बे हाई कोर्ट ने महिला को दी 23 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की इजाजत, जानिए वजह
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महिला को दी 23 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की इजाजत, जानिए वजह
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महिला को 23 सप्ताह की गर्भावस्था में गर्भपात कराने की इजाजत दी है। मालूम हो कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम के तहत 20 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को समाप्त करने पर रोक है। आइए जानते हैं आखिर इस महिला को कोर्ट ने आखिर ये इजाजत क्यों दे दी।
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Bombay
Highcourt
ने
23
हफ्ते
की
गर्भवती
महिला
को
दी
गर्भपात
की
इजाजत,जानिए
क्यों
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वनइंडिया
हिंदी
बता दें मुंबई की अविवाहित 23 वर्षीय महिला ने 23 सप्ताह से अधिक की गर्भवती है जिसने कोर्ट से गर्भपात कराने की इजाजत मांगी थी। युवती ने कोर्ट में अपील की थी कि इस बच्चे को जन्म देने से उसे मानसिक और शारीरिक पीड़ा होगी और इससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर होगा। उसे गर्भावस्था पूरी करने और बच्चे को पालने में शारीरिक पीड़ा होगी।
अपनी याचिका में, महिला ने कहा कि गर्भावस्था एक रूढ़िवादी संबंध का परिणाम है, वह इसे अविवाहित होने के कारण नहीं रख सकती वह बच्चे को जन्म देने से वह "सामाजिक कलंक" का कारण बनेगी। महिला ने दलील में कहा कि वह "अविवाहित एकल माता-पिता के रूप में बच्चे को संभालने में सक्षम नहीं होगी"।
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English summary
Bombay HC permits woman to terminate 23-week pregnancy
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