चीन को एक और झटका, कानपुर और आगरा मेट्रो के लिए चाइनीज कंपनी का टेंडर रिजेक्ट, दौड़ेंगी ‘मेक इन इंडिया’ ट्रेन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने कानपुर और आगरा परियोजनाओं में 'मेक इन इंडिया' मेट्रो ट्रेनों को दौड़ाने का रास्ता साफ कर दिया है। जी हां यूपीएमआरसी ने तकनीकी खामियों के चलते कानपुर, आगरा मेट्रो के लिये चीनी कंपनी के टेंडर को खारिज कर दिया। कार्पोरेशन ने इसके लिए आपूर्ति, परीक्षण और चालू करने के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का ठेका बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया है।
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यह एक भारतीय कॉन्सोर्सियम है। कंपनी से कानपुर और आगरा दोनों शहरों के लिए कुल 67 ट्रेनें ली जाएंगी। जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कार या कोच होंगे। इनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी। एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी। प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे। आपको बता दें कि यूपीएमआरसी ने रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए अंतरराष्ट्रीय बिडिंग कराई थी। इसमें 4 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी टेंडर डाला था। बिड में एक चीन की कम्पनी थी शामिल हुई थी। लेकिन उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। गुजरात की कम्पनी बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लि. को 3 जुलाई, 2020 को काम दे दिया गया।
UPMRC ने लखनऊ की ही तर्ज पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए एकीकृत टेंडरिंग की प्रक्रिया अपनाई। देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था, जो बेहद सफल रहा और इसके लिए UPMRC को बहुत सराहना और प्रशस्ति भी मिली। एकीकृत टेंडरिंग की बदौलत समय की बचत हुई और लखनऊ मेट्रो को 64 हफ्तों के रेकॉर्ड समय में पहला रोलिंग स्टॉक (मेट्रो ट्रेन) मिला। कानपुर और आगरा में पहले मेट्रो ट्रेन सेट की सप्लाई के लिए 65 हफ़्तों की समय-सीमा तय की गई है।