बॉलीवुड एक्टर और मशहूर कॉमेडियन जगदीप का निधन, सूरमा भोपाली नाम से थे मशहूर
मुंबई। फिल्म जगत के दिग्गज एक्टर और कॉमेडियन जगदीप का बुधवार को निधन हो गया है। बढ़ती उम्र की स्वास्थ्य संबधी परेशानियों चलते उनकी मौत हुई । आपको बता दें कि उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था और उनका जन्म 29 मार्च 1929 को हुआ था।जगदीप ने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था।
वे साल 1975 में आई मशहूर फिल्म शोले में सूरमा भोपाली के किरदार से काफी चर्चा बटोरने में कामयाब रहे थे!
इसके अलावा फिल्म 'पुराना मंदिर' में मच्छर के किरदार और फिल्म 'अंदाज अपना अपना' में सलमान खान के पिता के रोल में भी उन्होंने दर्शकों का जबरदस्त मनोरंजन किया था।
उन्होंने एक फिल्म का निर्देशन किया था जिसका नाम सूरमा भोपाली था। इस फिल्म में लीड किरदार भी उन्होंने खुद निभाया था। जगदीप ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत 1951 में बी आर चोपड़ा की फिल्म 'अफसाना' से की थी। इस फिल्म में जगदीप ने बतौर बाल कलाकार काम किया था। इसके बाद भी उन्होंने कई फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया जिनमें गुरू दत्त की आर पार, बिमल रॉय की दो बीघा जमीन जैसी बेहतरीन फिल्में शामिल हैं।
जगदीप अपने किरदारों से परदे पर जान फूंक देते थे और उनकी कॉमेडी लोगों को उनके सादे से किरदारों से दर्शकों को बस झट से बांध लेती थी। जगदीप के बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी भी हिंदी फिल्मों में कॉमेडियन हैं और दोनों ने साथ में टीवी पर बूगी वूगी के साथ सिनेमा और रियलिटी शो का इतिहास बदला था।
पंडित जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हुए थे कि...
अगर जगदीप के निभाए किरदारों की बात की जाए तो उनकी फिल्म 'हम पंछी एक डाल के' में उनके निभाए किरदार से पंडित जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने अपना एक स्टाफ देख रेख के लिए तोहफे में जगदीप को दे दिया था। जगदीप आखिरी बार परदे पर 2012 में रूमी जाफरी की फिल्म गली गली में चोर है में दिखाई दिए थे। फिल्म में उनके साथी कलाकार थे अक्षय खन्ना, मुग्धा गोडसे और श्रिया सरण। 2019 में जगदीप को आईफा ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था और इस मौके पर उनके बेटे जावेद जाफरी और पोते मीज़ान जाफरी उनके साथ मौजूद थे।
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