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रिलीज से पहले विवादों में आलिया की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी', मुंबई के लोग इस बात को लेकर भंसाली से नाराज

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मुंबई: पिछले साल फरवरी में कोरोना महामारी जब फैली, तो फिल्मों की शूटिंग पर रोक लग गई। जिस वजह से साल 2020 में बॉलीवुड में कुछ खास नहीं आया। अब नए साल में शूटिंग समेत अन्य गतिविधियां फिर से पटरी पर लौट रही हैं। हाल ही में आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी का टीजर रिलीज हुआ था, जिसे संजय लीला भंसाली डायरेक्ट कर रहे। हालांकि अब इस फिल्म पर भी विवाद शुरू हो गया है।

जगह की छवि खराब करेगी फिल्म?

जगह की छवि खराब करेगी फिल्म?

आमतौर पर जब भी भंसाली एतिहासिक घटना पर कोई फिल्म बनाते हैं, तो उस पर विवाद जरूर होता है। गंगूबाई काठियावाड़ी के साथ भी यही हो रहा, जहां मुंबई के कमाठीपुरा के रहने वाले लोगों ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही उसके तथ्यों को गलत बताया। मामले में 'कमाठीपुरा की आवाज' नाम के एक संगठन ने कहा कि वहां के लोगों ने कमाठीपुरा के इतिहास को सुधारने के लिए काफी मेहनत की है। अब जो फिल्म भंसाली ला रहे, वो वहां के लोगों का वर्तमान तो खराब करेगी ही, साथ ही भविष्य में जगह की छवि पर गलत असर पड़ेगा।

नहीं होने देंगे रिलीज

नहीं होने देंगे रिलीज

कमाठीपुरा के लोगों के मुताबिक फिल्म मेकर्स को सच्चाई और लोगों की भावनाओं से फर्क नहीं पड़ता, बस वो अपना फायदा देखते हैं। आलिया भट्ट की आने वाली इस फिल्म में 200 साल पुराने इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। साथ ही उसके तथ्यों का सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने साफ किया कि वो इस फिल्म को किसी भी कीमत पर रिलीज नहीं होने देंगे।

कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी?

कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी?

बेइतंहा हुस्न की मालकिन गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था, उनके परिवार के लोग गुजरात के काठियावाड़ में रहते थे। इसी वजह से उनका नाम 'गंगूबाई काठियावाड़ी' पड़ गया। 'गंगूबाई काठियावाड़ी' ने जीवन में एक गलत इंसान से प्यार किया, जिसकी वजह से वो हरजीवनदास से गंगूबाई बन बैठी। दरअसल सिर्फ 16 साल की उम्र में वो अपने पिता के अकाउंटेंट रमणीक लाल के इश्क में पागल हो गईं। उनका सपना हीरोइन बनने का था, इसी का फायदा उठाकर रमणीक लाल उन्हें भगाकर मुंबई ले आया।

500 रुपये में बेचा

500 रुपये में बेचा

जिसके भरोसे गंगूबाई ने अपना सबकुछ छोड़ा, उसने धोखे से उन्हें मात्र 500 रुपये में एक कोठे पर बेच दिया। कोठे पर पहुंचने के बाद हरजीवनदास का अंत हो गया और गंगूबाई का जन्म हुआ। यहां उनके रिश्ते अंडरवर्ल्ड के लोगों से बने और देखते ही देखते गंगूबाई बदनाम गलियों की बड़ा नाम बन गईं, जिससे इलाके के लोग डरते थे और उनके आगे माथा टेकते थे। मुंबई के अलावा देश के कई शहरों में फ्रेंचाइजी कोठे खोलने वाली वो पहली महिला थीं।

एक्टिंग के बाद अब फिल्म निर्माण में किस्मत आजमाएंगी आलिया भट्ट, लॉन्च किया अपना प्रोडक्शन हाउसएक्टिंग के बाद अब फिल्म निर्माण में किस्मत आजमाएंगी आलिया भट्ट, लॉन्च किया अपना प्रोडक्शन हाउस

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English summary
bollywood: protest against Gangubai Kathiawadi film alia bhatt bhansali
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