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फिल्मकार अनुराग कश्यप बोले, जिस तरीके से हुआ, ये सही नहीं था

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की बातें चल रही है। कुछ लोगों सरकार के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसे जल्दी में लिया गया फैसला बता रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर अब बॉलीवुड फिल्म के डायरेक्टर अनुराग कश्यप का ट्वीट सामने आया है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है।

कश्मीर की कहानी राशोमोन की तरह है

कश्मीर की कहानी राशोमोन की तरह है

अनुराग कश्यप ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 या 35ए, के बारे में में ज्यादा नहीं कह सकता। इसका प्रभाव, इतिहास या फैक्ट मैं अभी भी समझा नहीं हूं। कभी लगता है जाना चाहिए था, कभी लगता है क्यों गया। ना मैं कश्मीरी मुसलमान हूं ना कश्मीरी पंडित। मेरा कश्मीरी दोस्त कहता है कश्मीर की कहानी राशोमोन की तरह है। कई पहलू है कश्मीर के। सभी सही हैं और सभी गलत। बस इतना जानता हूँ की जिस तरीके से यह सब हुआ, सही नहीं था। आप जानते हैं डराने वाली बात क्या है, एक आदमी को लगता है कि वह जानता है कि 120 करोड़ लोगों के लिए सही चीज क्या है और उसके पास इसे अमल करने की भी ताकत है।

गृहमंत्री ने पेश सोमवार को पेश किया था प्रस्ताव

गृहमंत्री ने पेश सोमवार को पेश किया था प्रस्ताव

बता दें कि मोदी सरकार में गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा और फिर लोकसभा में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद से ही अनुच्छेद 370 को लेकर चर्चा गरम हो गई है। इसके लेकर विपक्ष भी लामबंद है और सरकार पर आरोप लगा रहा है कि उसने जल्दबाजी में ये फैसला लिया है। सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहा कि लद्दाख अलद केंद्र शासित राज्य बनेगा जबकि जम्मू-कश्मीर भी केंद्र शासित बनेगा लेकिन यहां विधानसभा रहेगी। मतलब जिस तरह से दिल्ली में सरकार का गठन होता है ठीक वैसे ही कश्मीर में भी मुख्यमंत्री रहेगा लेकिन पॉवर वहां के उपराज्यपाल के पास ज्यादा होगा। मतलब राज्य में केंद्र का हस्तक्षेप पहले से काफी ज्यादा हो जाएगा।

क्या है अनुच्छेद 370?

जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसका मसौदा जम्मू-कश्मीर की सरकार ने ही तैयार किया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है।

यह भी पढ़ें- धारा 370 पर चिदंबरम ने सरकार पर उठाए सवाल, कहा- आप गलत हैं और इतिहास आपको गलत साबित करेगा

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English summary
Bollywood Director Anurag Kashyap tweet on end of Jammu and Kashmir Article 370
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