पीएम मोदी की बायोपिक पर दो खेमों में बंटा बॉलीवुड, कुछ सेलिब्रिटी ने EC को बताया गलत
मुंबई। चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म के साथ ही अन्य दो फिल्मों के रिलीज पर चुनाव के अंत तक रोक लगाने का बुधवार को आदेश दिया। आयोग ने कहा कि बायोपिक की कोई भी सामग्री जो चुनाव के दौरान समान अवसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखती हो, उसे नहीं प्रदर्शित करने के आदेश दिए। पीएम मोदी की बायोपिक पर रोक लगने के बाद बॉलीवुड दो भागों में बंट गया है। एक खेमे ने जहा इस फिल्म की रिलीज पर खुशी जाहिर की है तो वहीं दूसरी ओऱ एक खेमा इसका विरोध कर रहा है।
चुनाव आय़ोग के इस फैसले के बाद कई बड़े बॉलीवुड स्टार ने जहां एक और चुप्पी साध रखी है तो वहीं कुछ स्टार इस मामले पर खुलकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कहा कि, चुनाव आयोग जो भी करता है या कहता है, वो सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। वहीं फ़िल्म मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी में नजर आये मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने कहा कि उन्होंने फिल्म सिर्फ डिले की है, बैन नहीं की है। यह उस वक्त भी हुआ था तब अमिताभ बच्चन चुनाव लड़ रहे थे। दूरदर्शन ने कुछ समय के लिए उनकी फिल्में ना दिखाने का फैसला किया था। ऐसा ही हेमा मालिनी और उनके वॉशिंग पाउडर के एड को लेकर भी हुआ था।
वही एक और अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने इस फैसले को सही नहीं बताया है। एक न्यूज़ पोर्टल से बातचीत में रेणुका ने कहा कि फ़िल्म को सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट मिलने के बाद चुनाव आयोग का यह निर्णय लेना दुखद है। निर्माताओं ने पूरी प्रक्रिया का पालन किया होगा और उन्होंने सभी शर्तें पूरी की होंगी। अगर बीजेपी ने फ़िल्म का निर्माण किया हो तब इस पर रोक लगायी जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका निर्माण कुछ लोगों ने किया जो एक व्यक्ति विशेष से प्रेरित हैं और जो इस देश का प्रधानमंत्री है।
इससे पहले 600 से अधिक आर्टिस्ट बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील कर चुके हैं। फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धुलिया तो यहां तक कह दिया कि, हर पांच साल में चुनाव होते रहें, ऐसा ना हो ये चुनाव आखिरी चुनाव बन जाए और हमारा संविधान बदल जाए, इस संविधान को बचाने के लिए प्लीज वोट दीजिए। वही अभिनेता अनुपम खेर ने इस अपील की आलोचना की है। मेरी बिरादरी के कुछ लोग संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार को वोट ना देने की जनता से अपील कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वो आधिकारिक तौर पर विपक्षी दलों के लिए प्रचार कर रहे हैं। अच्छा है, कम से कम यहां कोई दिखावा नहीं है।
So some people from my fraternity have issued a letter for public to vote out the present constitutionally elected government in the coming elections. In other words they are officially campaigning for opposition parties. Good!! At least there are no pretensions here. Great. 🙏 pic.twitter.com/gqnZBGNdKa
— Anupam Kher (@AnupamPKher) April 6, 2019
अनुपम खेर के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए CINTAA के जनरल सेक्रेटरी सुशांत सिंह ने कहा कि, तो आप ये कहना चाहते हैं कि एक बार किसी पार्टी की सरकार बन गई तो फिर विपक्ष या चुनाव की कोई जरूरत नहीं रह जाती? क्या लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी को वोट न देने की अपील करना राष्ट्र विरोधी है? हेल हिटलर? आप और आप जैसे तमाम लोग भटक गए हैं सर!
So basically, once a government has been democratically elected, there’s no need for an opposition or any further elections? To appeal to not vote for the ruling party, in a democracy, is anti-national? Heil Hitler? U nd ur ilk have lost it Sir. https://t.co/YMfhT6o4fJ
— सुशांत सिंह sushant singh سوشانت سنگھ (@sushant_says) April 6, 2019
चुनाव आय़ोग ने पीएम मोदी पर बनी फिल्म की रिलीज पर लगाई रोक