निर्भया के दोषियों पर भड़कीं रवीना टंडन, दोषी अक्षय की पत्नी की तलाक अर्जी पर बोलीं- न्याय में देरी की......
नई दिल्ली। दिल्ली के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी होनी है। दोषी अब तक तीन बार फांसी की सजा टाल चुके हैं और 20 मार्च को होने वाली फांसी को टालने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं। निर्भया कांड के दोषी अक्षय की पत्नी ने अब बिहार के औरंगाबाद की अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की है। इसपर अभिनेत्री रवीना टंडन का भी रिएक्शन आया है।
'न्याय में देरी कराने की अच्छी रणनीति'
इस मामले में रवीना टंडन ने ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'वाह! यह न्याय में देरी कराने की अच्छी रणनीति है। इसे न्यायपालिका के साथ खिलवाड़ करना कहते हैं! उसने जब बलात्कार और हत्या की थी, तब उसे तलाक क्यों नहीं दिया?' रवीना का ये ट्वीट खूब वायरल हो रहा है और लोग इसपर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। माना जा रहा है कि दोषी अक्षय की पत्नी फांसी से ठीक पहले तलाक की अर्जी डालकर फांसी को फिर से टलवाना चाहती है।
क्यों मांग रही है तलाक?
दायर अर्जी में अक्षय की पत्नी पुनीता ने कहा कि वो विधवा बनकर नहीं जी सकती, इसलिए उसे तलाक दिया जाए, मालूम हो कि औरंगाबाद के लहंग कर्मा गांव के रहने वाला अक्षय निर्भया कांड का दोषी है और 20 मार्च को उसके तीन साथियों के साथ उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है, उससे पहले उसकी पत्नी ने औरंगाबाद कोर्ट में ये अर्जी दाखिल की है, जिसपर आज यानी 19 मार्च को सुनवाई होनी थी। लेकिन वह सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुई। अब मामले में 24 मार्च को सुनवाई की जाएगी।
तलाक की अर्जी में क्या कहा?
अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता ने कोर्ट में दी अर्जी में कहा कि उसका पति निर्दोष है, ऐसे में वह उसकी विधवा बनकर नहीं रहना चाहती, इसलिए उसे अपने पति से तलाक चाहिए। वहीं उसके वकील मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि वह हिंदू विवाह अधिनियम 13(2)(II) के तहत कुछ खास मामलों में तलाक का अधिकार पा सकती है। इसमें दुष्कर्म का मामला भी शामिल है।
दोषियों के स्वास्थ्य को लेकर जेल प्रशासन सजग
बता दें जेल संख्या तीन के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों के स्वास्थ्य को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह सजग है। रोजाना दो बार चिकित्सकों का एक दल सभी के स्वास्थ्य की जांच कर रहा है। दोषियों के स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट को रजिस्टर में दर्ज भी किया जा रहा है।
क्या है मामला?
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों- राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।
Coronavirus: अभिनेत्री रवीना टंडन ने टॉयलेट पेपर की कमी पर दिया रिएक्शन, बोलीं- लोटा जिंदाबाद