13 साल बाद फिर सामने आया बोफोर्स का जिन्न, CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका
नए सबूतों के आधार पर सीबीआई ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से बात की और इसके बाद ये फैसला लिया
नई दिल्ली। 13 साल बाद एक बार फिर से बोफोर्स का जिन्न बाहर आ गया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में बोफोर्स तोप सौदा मामले में आरोपियों के खिलाफ सारे आरोप निरस्त करने के दिल्ली हाई कोर्ट के 2005 के फैसले को चुनौती दी है। करीब 13 साल की देरी के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है।
नए सबूतों के आधार पर सीबीआई ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से बात की और इसके बाद ये फैसला लिया। साल 1986 में 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप घोटाले में भारतीय अधिकारियों को 64 करोड़ रुपये घूस देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब सीबीआई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में 31 मई 2005 को दिल्ली हाईकोर्ट के दिए फैसले को अभी तक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी थी।
साल 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट ने घोटाले में यूरोप में रहने वाले हिंदुजा भाईयों पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश आर एस सोढ़ी ने 31 मई, 2005 को हिंदूजा भाइयों श्रीचंद, गोपीचंद व प्रकाशचंद और बोफोर्स कंपनी के खिलाफ सभी आरोप निरस्त कर दिए थे। सीबीआई को मामले से निपटने के उसके तरीके के लिए यह कहते हुए फटकार लगाई थी कि इससे सरकारी खजाने पर करीब 250 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा।
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