अमेरिकी कंपनी बोइंग ने पूरी की अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे, चिनुक की डिलीवरी
नई
दिल्ली।
अमेरिकी
एविएशन
कंपनी
बोइंग
ने
इंडियन
एयरफोर्स
(आईएएफ)
को
अटैक
हेलीकॉप्टर
अपाचे
और
हैवीलिफ्ट
हेलीकॉप्टर
चिनुक
की
तय
संख्या
की
डिलीवरी
कर
दी
है।
कंपनी
की
तरफ
से
रिलीज
जारी
कर
इस
बात
की
जानकारी
दी
गई
है।
अब
आईएएफ
के
पास
22
अपाचे
अटैक
और
15
चिनुक
हैवीलिफ्ट
हेलीकॉप्टर
हैं।
यह
जानकारी
ऐसे
समय
में
आई
है
जब
पूर्वी
लद्दाख
में
चीन
के
साथ
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएसी)
पर
तनाव
जारी
है।
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लद्दाख में तैनात हैं अपाचे, बोइंग
बोइंग पांच मई से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव जारी है। 6 जुलाई यानी तनाव के पूरे दो माह बाद पूर्वी लद्दाख में एक छोटा ही सही मगर सकारात्मक कदम चीन की तरफ से उठाया गया। यहां से पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। लेकिन इसके बाद भी भारत की सेनाएं चौकस हैं और किसी भी तरह से चीन पर भरोसा करने के मूड में नहीं हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए रात भर एलएसी पर आईएएफ के हेलीकॉप्टर्स और फाइटर जेट्स गश्त करते रहे। हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनुक जहां लगातार फारवर्ड एयरबेस से रात भर उड़ान भरता रहा तो वहीं अपाचे और फाइटर जेट मिग-29 भी रात भर ऑपरेशंस को अंजाम देते रहे।
जून में भारत आए 5 अपाचे
भारत ने पूर्वी लद्दाख में अमेरिकी अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे के बेड़े को भी तैनात कर दिया था। जून माह में अपाचे हेलीकॉप्टर्स की आखिरी खेप भारत पहुंची थी और इसमें पांच हेलीकॉप्टर्स हैं। केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद भी अपाचे बनाने वाली कंपनी बोइंग को अनिवार्य क्वारंटाइन नियमों से छूट दे दी थी। टीम ने इसके बाद हेलीकॉप्टर्स को असेंबल कर भारत भेजा और पठानकोट से हेलीकॉप्टर्स फ्लाइट टेस्टिंग के बाद लद्दाख पहुंचे। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सेना टकराव के दौरान सबसे बुरे दौरे के लिए भी तैयार रहना चाहती थी और वह तैयार थी। प्रिंस हैरी इस हेलीकॉप्टर को उड़ा चुके हैं। जिस समय प्रिंस हैरी अफगानिस्तान में डेप्लॉयड थे, उस समय वह इसी हेलीकॉप्टर के पायलट थे। प्रिंस हैरी की मानें तो दुश्मनों में दहशत पैदा करने के लिए इस हेलीकॉप्टर का सिर्फ नाम ही काफी है।
लादेन को मारने वाले ऑपरेशन में चिनुक
चिनुक अमेरिका में बना हेलीकॉप्टर है और इसे बोइंग कंपनी ने तैयार किया है। यह वही हेलीकॉप्टर है जिसे साल 2011 में अमेरिकी नेवी सील ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को एबोटाबाद में ढेर करने के लिए हुई सर्जिकल स्ट्राइक में प्रयोग किया था। पिछले वर्ष मार्च में दो चिनुक हेलीकॉप्टर भारत पहुंचे थे और भारत ने तीन बिलियन डॉलर की लागत से 15 चिनुक और 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की डील की थी। चिनुह इस समय वेस्टर्न एयर कमांड का हिस्सा है। चिनुक हेलीकॉप्टर्स का बेस चंडीगढ़ है। इन्हें चंडीगढ़ में इसलिए तैनात किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें सियाचिन और लद्दाख के लिए रवाना किया जा सके। जरूरत पड़ने पर यह अमेरिका के पांच यूएच-60 अटैक हेलीकॉप्टर्स की जगह ले सकता है।
रात में भी हमला कर सकता है अपाचे
भारत ने पिछले वर्ष 22 में से 17 AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर्स को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) में शामिल किया था। ये हेलीकॉप्टर 128 टारगेट्स को ट्रैक कर सकते हैं और 16 टारगेट्स और खतरों को देखते हुए उन्हें निशाना बनाने में सक्षम हैं। अपाचे को दुनिया का सबसे खतरनाक हेलीकॉप्टर माना जाता है। इसमें फिट 30 एमएम की गन दो मिनट से भी कम समय में 1200 राउंड फायरिंग कर सकती है। इसके अलावा हेलीकॉप्टर 80 रॉकेट्स कैरी कर सकता है। साथ ही इसमें हेलफायर मिसाइल भी है जो रात के अंधेरे में भी टारगेट्स को पहचान कर उन्हें तबाह कर सकता है। अपाचे गार्डियन एक एडवांस्ड और हर मौसम में हमला करने की क्षमता से लैस हेलीकॉप्टर है जिसे जमीन के अलावा हवा में मौजूद दुश्मन पर भी हमला करने में प्रयोग किया जा सकता है। यह हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर पेड़ों और पहाड़ों के बीच भी उड़ान भर सकता है और दुश्मन को नेस्तनाबूत कर सकता है।