हिमाचल प्रदेश के मंडी में बर्फ में दबी मिलीं NIT के दो छात्रों की लाशें, कई दिनों से थे लापता
यह अब तक पुख्ता नहीं हो पाया है कि छात्र मंदिर की ओर जा रहे थे या फिर वापस लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने अपने परिजनों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।
मनाली। बीते एक सप्ताह से लापता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) हमीरपुर के दो छात्रों के शव बरामद कर लिए गए हैं। दोनों के शव शिकारी देवी मंदिर के पास बर्फ से दबे पाए गए। यह जगह हिमाचल प्रदेश के मनाली से करीब 150 किलोमीटर दूर है। अक्षय कुमार और नवनीत राणा के परिजनों की ओर से उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 40 सदस्यीय जांच टीम उनकी खोजबीन में जुटी थी। उनकी तलाश में हेलीकॉप्टर भी लगाए गए थे। दोनों छात्र छह जनवरी से कैंपस से लापता थे। इलाके का तापमान -15 डिग्री तक पहुंच गया है।
घरवालों
को
बिना
बताए
गए
थे
ट्रेक
पर
बीते
एक
सप्ताह
से
पूरे
क्षेत्र
के
तापमान
में
भारी
गिरावट
देखने
को
मिली
है।
मंदिर
के
पास
एक
छात्र
का
शव
मिला।
बैग
में
मिले
आईकार्ड
से
उसकी
पहचान
अक्षय
के
रूप
में
हुई।
वह
हमीरपुर
के
सुजानपुर
का
रहने
वाला
था।
हालांकि
दूसरी
लाश
की
पहचान
नहीं
हो
सकी
लेकिन
अधिकारियों
ने
आशंका
जताई
है
कि
वह
नवनीत
है।
यह
अब
तक
पुख्ता
नहीं
हो
पाया
है
कि
छात्र
मंदिर
की
ओर
जा
रहे
थे
या
फिर
वापस
लौट
रहे
थे।
पुलिस
के
मुताबिक,
उन्होंने
अपने
परिजनों
को
भी
इसके
बारे
में
कोई
जानकारी
नहीं
दी
थी।
उन्होंने
अपने
एक
दोस्त
को
बताया
था
कि
वे
ट्रेक
पर
जा
रहे
हैं।
जब
पांच
दिनों
तक
उनसे
कोई
बातचीत
नहीं
हुई
तो
उनके
परिजन
एनआईटी
कैंपस
पहुंची
और
उसके
बाद
इलाके
के
एसडीएम
से
मुलाकात
कर
मदद
मांगी।
READ
ALSO:
CISF
के
'किलर'
जवान
को
लेकर
परिवार
ने
किया
एक
और
बड़ा
खुलासा
शुक्रवार
को
शुरू
हुआ
था
सर्च
ऑपरेशन
शुरुआत
में
सूचना
थी
कि
एनआईटी
के
चार
छात्र
लापता
हैं
लेकिन
बाद
में
पुलिस
ने
बताया
कि
उन्हें
सिर्फ
दो
छात्रों
के
लापता
होने
की
शिकायत
मिली
है।
मंडी
के
एएसपी
कुलभूषण
वर्मा
ने
कहा,
'हमने
छात्रों
की
कॉल
डीटेल
निकाली
थी
और
स्थानीय
पर्वतारोहियों
से
भी
जानकारी
हासिल
करने
के
बाद
सर्च
ऑपरेशन
शुरू
किया।
शुक्रवार
सुबह
हमने
खोजबीन
शुरू
की
थी।
दो
लाशें
मिलीं
हैं
उन्हें
पोस्टमार्टम
के
लिए
मंडी
लाया
जा
रहा
है।'
बता
दें
कि
बीते
साल
मार्च
में
भी
मंडी
के
पास
आठ
स्टूडेंट्स
के
लापता
होने
की
सूचना
मिली
थी।
जिन्हें
तीन
दिन
बाद
सुरक्षित
निकाला
गया
था।