छत्तीसगढ़: 24 घंटे बाद मिले लापता 17 जवानों के शव, 250 नक्सलियों ने किया था हमला
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 17 जवान शहीद हो गए हैं। 24 घंटे बाद सभी जवानों की बॉडी को बरामद कर ली जो लापता बताए जा रहे थे। शहीद जवानों में DRG के 12 और STF के 5 जवान हैं। मुठभेड़ के बाद से ये जवान लापता थे, जिनका शव सुरक्षा बलों को रविवार को घने जंगलों में बरामद हुआ। बाद में शहीदों के शवों को कैंप लाया गया है। हमले में 17 जवान घायल भी हुए हैं। वहीं सुरक्षाबलों की 150 पार्टियों ने चिंतागुफा के जंगल में सर्च अभियान चला रखा है।
250 नक्सलियों ने किया था हमला
आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि सुकमा जिले के एलमागुड़ा में नक्सली गतिविधियों की सूचना के बाद चिंतागुफा, बुरकपाल और तिमेलवाड़ा से डीआरजी, एसटीएफ और सीआपीएफ के कोबरा बटालियन के छह सौ जवानों को रवाना किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब बल के जवान दोपहर दो बज कर करीब तीस मिनट पर राजगुड़ा गांव की पहाड़ी पर थे तब नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
5 टीमें आई हमले की चपेट में
उन्होंने कहा कि डीआरजी और एसटीएफ की 5 अलग-अलग टीमें भारी फायरिंग की चपेट में आ गईं। भारी फायरिंग होने के बावजूद टीमों ने अपनी हार नहीं मानी लेकिन वे घबराहट में बिखर गए, जिसके परिणामस्वरूप ज्यादा जवानों की मौत हुई। अचानक हुए हमले का जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। नक्सली हमारी टीमों को तोड़ने और बिखेरने में कामयाब नहीं हो सके। फिर भी हमारे 17 जवानों की मौत हो गई।
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मुठभेड़ लगभग तीन घंटे तक चली
आईजी ने कहा कि मुठभेड़ लगभग तीन घंटे तक चली। कल रात हम 15 घायलों को निकालने में सफल रहे और आज हम 17 जवानों के शव बरामद करने में सफल हुए। पुलिस के अनुमान के मुताबिक सीपीआई (माओवादी) की बटालियन नंबर 1 द्वारा घात लगाकर हमला किया था। उनकी सबसे खूंखार और लड़ाई के लिए तैयार बल का नेतृत्व कुख्यात नक्सली नेता हिडमा कर रहा था। सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों से मारे गए जवानों से 15 बंदूकें - 12 एके 47 असॉल्ट राइफलें, 1 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल), 1 इंसास राइफल और 1 एक्सालिबुर राइफल उठा ले गए।
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