क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

PSU के निजीकरण के खिलाफ मोदी सरकार के विरोध में उतरा RSS से जुड़ा ये धाकड़ संगठन

Google Oneindia News

नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के निजीकरण की नीति के विरोध करने की तैयारी में है। इसके लिए उसने 15 नवंबर को दिल्ली में पीएसयू से जुड़े कर्मचारी संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। भारतीय मजदूर संघ ने मोदी सरकार से मांग की है कि वह पीएसयू के निजीकरण के फैसले पर फिर से विचार करे। संघ ने ये भी दावा किया है कि 15 तारीख की बैठक में पीएसयू से जुड़े कम से कम 7 संगठन हिस्सा लेने वाली हैं। इस बीच सरकार की ओर से आरएसएस के सहयोगी संगठन को समझाने-बुझाने की कोशिशें भी शुरू कर दी गई हैं। ये पहलीबार नहीं है कि बीजेपी सरकार को आरएसएस से जुड़े इस संगठन के विरोध का सामना करना पड़ रहा हो। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान भी एकबार भारतीय मजदूर संघ ने तत्कालीन सरकार की नीतिगत फैसलों का दमदार विरोध किया था।

15 नवंबर को बुलाई कर्मचारी संघों की बैठक

15 नवंबर को बुलाई कर्मचारी संघों की बैठक

भारतीय मजदूर संघ ने सरकार की निजीकरण की नीति का विरोध करने का फैसला किया है। इस संबंध में संघ ने 15 नवंबर को सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी यूनियनों को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति की रूप-रेखा तय की जाएगी। बीएमएस का ये रवैया कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल दिल्ली स्थित बीएमएस के हेडक्वार्टर पहुंचे थे। भारतीय मजदूर संघ ने मोदी सरकार से मांग की है कि वह पीएसयू के निजीकरणे के फैसले पर फिर से विचार करे। हालांकि, अभी बीएमएस से जुड़े लोगों का कहना है कि शाह का दौरा शिष्टाचार भेंट के लिए था और वे सिर्फ चाय पीने के लिए आए थे। वैसे ये भी महत्वपूर्ण है कि आमतौर बीएमएस के पदाधिकारी ही शाह से मुलाकात करने के लिए जाते हैं।

सरकार की ओर से समझाने की कोशिशें जारी

सरकार की ओर से समझाने की कोशिशें जारी

सूत्रों के मुताबिक बीएमएस के नेताओं को समझाने के लिए बीजेपी की ओर हर तरह की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए उन्हें पीएसयू से जुड़े कई मुद्दों की जानकारियां दी जा रही हैं। मसलन, उन्हें बताया जा रहा कि आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं होने की वजह से कई यूनिट बंद होने की स्थिति में हैं, जिससे परेशानियां पैदा हो रही हैं। भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय के अनुसार पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के दौर में हुए खराब नीतिगत फैसलों को रोकने की आवश्यकता है, जिसे बाद की सरकारों ने भी जारी रखा है। बीएमएस नेता ने कहा कि ' हम मांग करतेहैं कि सरकार को पीएसयू के निजीकरण पर फिर से विचार करना चाहिए। क्योंकि इंदिरा गांधी की ओर से शुरू की गई गलत नीतियां लोगों के खिलाफ हैं।' उन्होंने दावा किया कि 15 नबंवर की बैठक में 7 सेक्टरों के पीएसयू से जुड़ीं कर्माचारी यूनियनें शामिल होंगी।

अपनी मांग पर अड़ा है भारतीय मजदूर संघ

अपनी मांग पर अड़ा है भारतीय मजदूर संघ

वैसे मोदी सरकार की मुश्किल ये है कि चाय पर हुई शाह से मुलाकात के बावजूद बीएमएस अभी तक अपना कदम वापस खींचने के लिए तैयार नहीं है। एक बीएमएस पदाधिकारी ने कहा है कि, "यूनियनों की बातें सुनने और आगे की योजना तैयार करने के लिए हम पीएसयू के कर्मचारियों को एकजुट कर रहे हैं। पीएसयू अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और ये बेहतर रोजगार और बेहतर वेतन के स्रोत हैं।" जबकि बीएमएस महासचिव उपाध्याय ने कहा कि, 'हम सब एक दूसरे पर निर्भर हैं। पीएसयू के कर्मचारी अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं और वे ग्राहक भी हैं। अगर उनके खरीदारी की क्षमता घटती है तो बाजार पर तमाम असर पड़ेगा। हमारी अर्थव्यवस्था 7 % संगठित क्षेत्र से है और उनमें से 87% कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं या फिर उनकी आउटसोर्सिंग की गई है।'

पीएम मोदी का मंदिर बनाएंगी मुस्लिम महिलाएं, जानिए कहां होगा निर्माणपीएम मोदी का मंदिर बनाएंगी मुस्लिम महिलाएं, जानिए कहां होगा निर्माण

Comments
English summary
BMS an RSS affiliate is set to oppose modi government's psu privatisation policy
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X