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Covid-19: एम्स में हिंदू-मुस्लिम शवों की हुई अदला-बदली, हो गया अंतिम संस्कार, नहीं देख पाएंगे अब कभी चेहरा

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने देश के लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से पटरी से उतार दिया है। हजारों लोग इस महामारी की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि लाखों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। मुंबई और दिल्ली में कोरोना ने सबसे ज्यादा कोहराम मचाया है। दिल्ली में (बदला हुआ नाम) के परिवार को मंगलवार को यह जानकारी दी गई कि नसरीन की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है, जिसके बाद परिवार के सात सदस्य आनन-फानन में शव को लेने सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंचे। यहां उनसे कहा गया कि आप अंतिम संस्कार की तैयारियां करिए शव को डिस्पैच करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

अस्पताल की लापरवाही

अस्पताल की लापरवाही

लेकिन जब नसरीन के भाई ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें उनकी बहन का चेहरा दिखाया जाए तो अस्पताल की ओर से कहा गया कि उन्हें कब्रस्तान में ही अंतिम संस्कार के समय उनका चेहरा देखने को मिलेगा। जिसके बाद परिवार के सात लोगों में से एक सदस्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में ही रुका रहा, जबकि बाकी के लोग कब्रस्तान अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले नसरीन के तीन बच्चों ने मां का चेहरा देखने की बात कही।

चेहरा देखने के मांगे 500 रुपए

चेहरा देखने के मांगे 500 रुपए

नसरीन के भाई ने कहा कि हमे दिल्ली गेट कब्रस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि हमे चेहरा देखने के लिए 500 रुपए देने होंगे, हमने चेहरा देखने के लिए 500 रुपए दिए भी, लेकिन चेहरा देखकर हम चकित रह गए क्योंकि यह शव नसरीन का नहीं बल्कि पूजा (बदला हुआ नाम) का था। नसरीन के परिवार के कहना है कि उन्हें बताया गया कि गलती से शव बदल गए हैं और एक घंटे के भीतर सही शव को लेकर यहां आएंगे। घंटों तक परिवार के सभी सातों सदस्य कब्रस्तान में शव का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई अपडेट नहीं दी गई।

हिंदू परिवार ने कर दिया नसरीन का अंतिम संस्कार

हिंदू परिवार ने कर दिया नसरीन का अंतिम संस्कार

नसरीन का परिवार जब एक बार फिर से ट्रामा सेंटर पहुंचा तो उन्हें कहा गया कि नसरीन के शव का हिंदू परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया है। नसरीन के शव को हिंदू परिवार ने पंजाबी बाग के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि जिस शव का उन्होंने अंतिम संस्कार किया है वह उनकी बेटी का शव नहीं है।

जांच के आदेश

जांच के आदेश

वहीं इस पूरे मामले में एम्स के ट्रामा सेंटर का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, मॉर्चरी से एक कर्मचारी को हटा दिया गया है, जबकि एक अन्य को सस्पेंड कर दिया गया है। कोरोना संक्रमित दो मरीजों के शव अस्पताल के प्रशासन द्वारा लापरवाही के चलते बदल गया। हालांकि यह अस्पताल के लिए महज एक गलती है, लेकिन दोनों ही परिवार के सदस्य अब कभी भी अपने परिजनों को अंतिम बार नहीं देख पाएंगे।

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English summary
Blunder of Delhi AIIMS 2 dead bodies of covid-19- patients exchanged and cremated.
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