ब्लू व्हेल गेम से ऐसे बचाएं अपने बच्चों को, CBSE ने जारी किया सर्कुलर
जानलेवा बना ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज, सीबीएसई बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर, केंद्र सरकार भी आई हरकत में
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नई दिल्ली। सेल्फ डिस्ट्रक्टिव ब्लू व्हेल चैलेंज एक नई मुसीबत बनकर सामने आया है। तमाम प्रयासों के बाद भी यह ना सिर्फ सरकार के लिए बल्कि शिक्षण संस्थानों के लिए भी एक चुनौती बना हुआ है। इसके लिए आईटी मंत्रालय ने बकायदा एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि इसपर लगाम लगाने के प्रयास किए जाएं, लेकिन इस सर्कुलर के बाद भी यह चुनौती कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसे रोकने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने भी सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि इसे रोकने के हरसंभव प्रयास किए जाए।
18000 स्कूलों को जारी किया गया सर्कुलर
सीबीएसई की ओर से तमाम स्कूलों को जो सर्कुलर जारी किया गया है उसमे कहा गया है कि ब्लू वेल चैलेंज को रोकने के लिए कंप्यूटर में फिल्टरिंग, मानिटरिंग और प्रभावी एंटी वायरस का इस्तेमाल किया जाए। छात्रों को गैरकानूनी गतिविधियों से बचाने के लिए प्रयास किए जाए। लिहाजा इसके लिए इंटरनेट पर जागरुकता अभियान चलाया जाए ताकि बच्चों को इस बाबत जागरूक किया जा सके। यह फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब सरकार ने तमाम इंटरनेट प्रोवाइडर्स को इस जानलेवा ब्लू वेल चैलेंज को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। सीबीएसई ने यह सर्कुलर बोर्ड से एफिलिएटेड देशभर के 18000 स्कूलों को जारी किया है।
इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग हो
स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि इसकी रोकधाम के लिए बकायादा एक रणनीति बनाएं, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करें और इसे अपने संस्थान में लागू करें। सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूलों में सुरक्षित शिक्षण का माहौल बनाया जाए, साथ ही छात्रों को इस तरह के गेम से दूर रहने के लिए जागरुक किया जाए।
क्या है ब्लूव्हेल चैलेंज
आपको बता दें कि ब्लू व्हेल चैलेंज एक ऑनलाइन गेम है, जिसके आखिरी चरण में खिलाड़ी को अपनी जान देनी होती है। जानकारी के अनुसार इस गेम के चलते तमाम युवाओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक पत्र में लिखा है कि अभी तक यह चैलेंज 100 युवाओं की जान ले चुका है, लिहाजा इस गेम को रोकने की जरूरत है। उन्होंने गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय से अपील की है कि इस गेम को इंटरनेट से हटाया जाए, साथ ही अपील की गई है कि अभिभावक अपने बच्चों पर नजर रखें।