दिल्ली दंगों पर छपी किताब को ब्लूम्सबरी ने लिया वापस, भड़के कपिल मिश्रा
नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर आधारित किताब 'दिल्ली रियॉट 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' को लेकर हुए विवाद के बाद ब्लूम्सबरी इंडिया ने इसे वापस लेने का फैसला लिया है। पब्लिशर के मुताबिक उनकी जानकारी के बिना किताब के बारे में एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें बीजेपी के नेता और दिल्ली दंगे से पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोप झेल रहे कपिल मिश्रा को मुख्य अतिथि बनाया गया था।
शनिवार को किताब के लोकार्पण का एक कथित विज्ञापन सामने आया था और इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता कपिल मिश्रा को दिखाया गया था। जिसके बाद ऑनलाइन विरोध शुरू हो गया था। जिसके बाद ब्लूम्सबरी इंडिया के बयान जारी कर कहा कि, फरवरी में हुए दिल्ली दंगे के बारे में वे लोग सितंबर में 'डेल्ही रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' छापने वाले थे, पर लेखकों ने किताब के प्री-लॉन्च कार्यक्रम में ऐसे लोगों को बुलाया, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
पब्लिकेशन की ओर से कहा गया है कि, हम अभिव्यक्ति की आजादी के हिमायती हैं, मगर समाज के प्रति जिम्मेदारी पर भी सचेत हैं। वहीं बीजेपी नेता ने दिल्ली दंगों की किताब प्रकाशित न हो पर नाराजगी जाहिर की है। कपिल मिश्रा ने लिखा कि, एक किताब से डर गए अभिव्यक्ति की आज़ादी के फर्जी ठेकेदार , ये किताब छ्प ना जाएं, ये किताब कोई पढ़ ना लें, तुम्हारा ये डर इस किताब की जीत हैं, तुम्हारा ये डर हमारी सच्चाई की जीत हैं। उन्होंने कहा कि किताब न छप जाए, इसलिए प्रकाशकों के खिलाफ अभियान चलाया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने भी इसमें भाग लिया था। पुस्तक के लेखक सोनाली चितलकर, प्रर्मा मल्होत्रा और मोनिका अरोड़ा हैं। बता दें कि, दिल्ली में 23 से 27 फरवरी के बीच दंगे हुए थे जिसमें आधिकारिक तौर पर 53 लोग मारे गए थे। 13 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस के हलफनामे के मुताबिक मरने वालों में से 40 मुसलमान और 13 हिंदू हैं। पुलिस ने दंगों की 751 एफआईआर दर्ज की हैं।
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