ब्लॉग: उन मर्दों की कहानियां जिन्होंने खाँचे में फिट होने से इनकार कर दिया
सवाल गंभीर था. आम सहमति से एडिटोरियल मीटिंग में ये फैसला किया गया कि बीबीसी टीम आपके लिए उन पुरुषों की कहानियां लेकर आएगी जिन्होंने खांचों में बंधने से इनकार किया, अपनी इच्छाओं को ज़ाहिर किया और उस पर चलने की हिम्मत दिखाई.
हम इसे बदलाव की एक बारीक रेखा कह सकते है लेकिन ये सही हैं या गलत, इसका फैसला आप करें लेकिन उनके जीवन की जटलिताओं को जानने-समझने के बाद.
...स्त्री जन्म नहीं लेती स्त्री गढ़ी जाती हैं . आज से तकरीबन 70 साल पहले फ्रांसिसी लेखिका और दार्शनिक सीमोन द बोवा ने ये बात अपनी बेहद चर्चित किताब, 'द सकेंड सेक्सट में लिखी थी.
इस बात से कोई इनकार नहीं करेगा कि समाज अपनी जरुरतों के मुताबिक स्त्री को गढ़ता-बदलता-झुकाता रहा है. और हज़ारों कहानियाँ उसे बगरलाने के लिए गढ़ी गई हैं.
जैसे हम कहानी सुनते हैं कि सत्यवान की मौत हो गई, सावित्री यमराज तक से लड़ गई और उसे लौटा लाई लेकिन कभी कोई कहानी ऐसी नहीं सुनी कि पत्नी की मौत हो गई और पति उसे जाकर लौटा लाया हो.
किसी पुरुष में सावित्री के गुण क्यों नहीं झलके?
स्त्रियां हजारों साल से देश में पुरुषों के ऊपर 'बर्बाद' होती रही हैं. कभी ऐसा सुना ही नहीं कि कोई पुरुष भी किसी स्त्री के लिए सती हो गया हो? क्योंकि सारे नियम, सारी व्यवस्था, सारा अनुशासन पुरुष ने पैदा किया है. जो वह स्त्री पर थोपे हुए है. सारी कहानियां उसने गढ़ी है. वह कहानियां गढ़ता है, जिसमें पुरुष को स्त्री बचाकर लौट आती है और ऐसी कहानी नहीं गढ़ता, जिसमें पुरुष स्त्री को बचाकर लौटता हो.
स्त्रियों के लिए इस गढ़ी हुई, 'साज़िशों' से भरी हुई दुनिया में महिलाएं अपनी इच्छाओं के अनुरूप जीवन बिताने की भी हिम्मत दिखा रही है जिसकी झलक हमने बीबीसी #HerChoice में दी थी.
जब हमने #HerChoice में महिलाओं की कहानी आपके सामने रखीं तो पाठकों और दफ़्तर में ही हमारे पुरुष सहयोगियों ने कहा केवल महिलाओं की ही बात क्यों? क्या #HisChoice नहीं होगा. क्या हमारी कुछ इच्छाएं नहीं होती. क्या हमारे लिए पैमाने तय नहीं होते, क्या हमें एक खांचे में डाल कर नहीं देखा जाता.
सवाल गंभीर था. आम सहमति से एडिटोरियल मीटिंग में ये फैसला किया गया कि बीबीसी टीम आपके लिए उन पुरुषों की कहानियां लेकर आएगी जिन्होंने खांचों में बंधने से इनकार किया, अपनी इच्छाओं को ज़ाहिर किया और उस पर चलने की हिम्मत दिखाई.
हम इसे बदलाव की एक बारीक रेखा कह सकते है लेकिन ये सही हैं या गलत, इसका फैसला आप करें लेकिन उनके जीवन की जटलिताओं को जानने-समझने के बाद.
#HisChoice की कहानियों के ज़रिए हमारी कोशिश पुरुषों के दिल-दिमाग और समाज की गहराइयों में जाने की है.
ये दस कहानियां न केवल आपको चौकाएंगी बल्कि आपको अपने अंदर झांकने के लिए विवश करेंगी. #HisChoice सिरीज़
•एक मर्द ने कहा घर वाला काम मेरा, बाहर वाला काम तुम्हारा ..नौकरी तुम करो, मैं घर संवारता हूं.
•एक पढ़ा-लिखा युवा जो नौकरी करता है लेकिन ज़रूरतों के लिए उसने ऐसा'पेशा' चुना जिसकी नुमाइश बंद कमरों में ही होती है.
• शादी सही उम्र में हो जानी चाहिए. अक्सर लड़कियां इस बात से इत्तेफाक रखेंगी और मानेंगी कि उन पर शादी का दबाव ज्यादा रहता है लेकिन अगर एक व्यक्ति 35 साल से उपर होने के बावजूद ये कहें कि उसे शादी नहीं करनी तो आपके मन में क्या सवाल आएंगे? तमिलनाडु से एक ऐसे ही व्यक्ति की कहानी हम पेश करेंगे.
•बचपन से मन में मेहंदी लगाने का शौक हुआ. सोचा कुछ ऐसा ही काम करना है लेकिन लड़का महिलाओं को सजाने-संवारने का काम कैसे कर सकता है. इन सवालों के बीच लड़के ने अपने लिए क्या चुना.
•साथियों की शादियां हो रही थी लेकिन इनके लिए रिश्ते ही नहीं आ रहे थे, जो आते वो इन्हें ठुकरा कर चले जाते. क्या किया इस व्यक्ति ने. पढ़िएगा गुजरात से ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी
•कहते है पहला प्यार पहला ही होता है. ये पड़ोसी थे. प्यार हुआ, पता था कि वो लड़की नहीं है लेकिन फिर भी शादी की लेकिन क्या वो शादी चल पाई?
•कहानी एक ऐसे युवा की है जिसने अखबार में एक विज्ञापन देखा. मन में सवाल उठे लेकिन सोचा कि मदद करने में क्या जाता है. लेकिन इस मदद के बारे में न वो अपनी गर्लफ्रेंड को बता सकता है, न अपनी बीवी को कभी बताना चाहेगा.
•इस व्यक्ति ने प्रेम विवाह किया, बच्ची हुई लेकिन फिर तलाक हुआ. बीवी ने दूसरी शादी की. ऐसे में पति ने बच्ची का क्या किया.
•जब भी छेड़छाड़ या बलात्कार की घटनाएं होती है कहीं न कहीं लड़की पर ही दोष मढ़ दिया जाता है. क्या ऐसे में एक मां-बाप की ज़िम्मेदारी नहीं बनती कि वो अपने बेटे की परवरिश इस तरह करें कि वो बचपन से ही वे लड़कियों की इज्जत करे. एक युवा पिता जब अपने डेढ साल के बेटे को अपने आस-पास खेलते कूदते देखता है तो उसके मन में क्या ख्याल आते हैं.
•प्रियंका चोपड़ा ने जब अपने से कम उम्र के निक जोनास से सगाई रचाई तो किसी ने बधाई दी दो किसी ने इस रिश्ते को ही बेमेल बताया. इस कहानी में हम आपको मिलवाएंगे एक ऐसे व्यक्ति से जिसने अपने से बड़ी उम्र की महिला से शादी की लेकिन क्या कभी उन्हें अपने फैसले का पछतावा हुआ या वो खुश है?
बीबीसी की विशेष सीरीज़ #HisChoice में आने वाले हर शनिवार-रविवार को आप ये कहानियां पढ़ सकते हैं.
शायद ये कहानियाँ आपको सोचने के लिए मजबूर कर दें और आपके दूसरो को देखने के नज़रिए को बदलने में मदद करें.