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जानें कब-कब नेताओं ने लगाया लोकतंत्र की साख पर बट्टा

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नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। 13 फरवरी 2014 दिन गुरुवार, जी हां आज के दिन संसद में सांसदों की ऐसी घटिया हरकत देखने को मिली जो आज से पहले शायद ही कभी देखी गई हो। सांसदों ने सारी हदों को पार करते हुए लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर (संसद) की गरिमा को तार-तार कर दिया। हुआ यूं कि तेलंगाना बिल को लेकर संसद में पहले तो शोरगुल शुरु हुआ और देखते ही देखते ये हंगामे में तब्‍दील हो गया। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन से संबंधित विधेयक जैसे ही लोकसभा में पेश किया गया, कांग्रेस से निष्कासित आंध्र प्रदेश के एक सांसद ने सदन में पेपर स्प्रे (काली मिर्च का पाउडर) फेंक दिया।

जानकारी के मुताबिक विजयवाड़ा से सांसद लगदापति राजगोपाल ने साथी सांसदों की तरफ पेपर स्प्रे उड़ा दिया। इससे सांसदों को खांसी आने लगी और वे फौरन सदन से बाहर चले गए। चिकित्सकों को बुलाया गया और तीन सांसदों को अस्पताल ले जाया गया। आपको बता दें कि राजगोपाल सीमांध्र के उन छह सांसदों में शामिल हैं, जिन्हें मंगलवार को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासित सांसदों का लक्ष्य तेलंगाना विधेयक को संसद में पेश करने से रोकना था। इसके बाद हुआ वो और भी शर्मनाक था।

टीडीपी सांसद वेणुगोपाल ने सदन में चाकू निकाल लिया। इतना ही नहीं एक सांसद हंटर तक लेकर पहुंचे थे। कुछ सांसदों के बीच मारपीट तक हुई। वेणुगोपाल ने अध्यक्ष की माइक तोड़ दी। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और सदन को खाली करा दिया गया। सभी पार्टियों के सांसद इस हरकत को शर्मनाक करार दे रहे हैं और इसे संसदीय इतिहास का काला दिन बता रहे हैं। संसद में भले ही ऐसा पहली बार हुआ हो मगर राज्‍यों के विधानसभा में अकसर ऐसा होता रहता है। तो आईए स्‍लाइड में देखते हैं और जानते हैं कि आखिर जनता का प्रतिनिधि कहे जाने वाले नेताओं ने कब-कब लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित किया है:

20 सिंतबर 2013, उत्‍तर प्रदेश विधानसभा

20 सिंतबर 2013, उत्‍तर प्रदेश विधानसभा

उत्तरप्रदेश के मुजफ्फनगर में हुए दंगों को लेकर 20 सिंतबर 2013 को यूपी विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन था। मुजफ्फरनगर हिंसा को लेकर पक्ष और विपक्ष के विधायक एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे। तभी सपा और भारतीय जनता पार्टी के विधायक आपस में भीड़ गए और धक्का मुक्की करने लगे। सदन के वरिष्ठ सदस्यों ने बीच-बचाव करके मामले को शांत कराया गया। हंगामा उस वक्त हुआ जब भाजपा विधायक सुरेश राणा को अध्यक्ष ने बोलने की इजाजत नहीं दी। राणा अपनी बात कह रहे थे तभी सपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर भाजपा विधायकों ने भी राणा के पक्ष में नारे लगाने शुरू कर दिए। कई बार सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया।

11 फरवरी 2014, जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा

11 फरवरी 2014, जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा

दो दिन पहले ही मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में मर्यादा को तार-तार किया गया। नई प्रशासनिक इकाइयों के मुद्दे पर विधायकों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने एक दूसरे पर कुर्सियों और मेजें फेंकी। इतना ही नहीं नौबत मारपीट तक पहुंच गई। एक विधायक ने दूसरे विधायक को माइक से पीटने की भी कोशिश की। धक्का-मुक्की में कई विधायक घायल हो गए,जिन्हें अस्पातल में भर्ती कराया पड़ा। स्थिति को काबू में करने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा।

12 दिसंबर 2011 ओडिशा और महाराष्‍ट्र विधानसभा

12 दिसंबर 2011 ओडिशा और महाराष्‍ट्र विधानसभा

12 दिसंबर 2011 को ओडिशा और महाराष्ट्र की विधानसभा में विधायकों ने जमकर हंगामा किया था। ओडिशा विधानसभा में कुर्सियां चली तो महाराष्ट्र की विधानसभा में कपास की गठानें फेंक गई। ओडिशा विधानसभा में 12 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर विवाद हुआ था। कांग्रेस विधायकों ने इसकी मांग की थी लेकिन विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया। जिससे कांग्रेस के विधायक नाराज हो गए और उन्होंने हंगामा शुरू किया। कुछ विधायकों ने तो कुर्सियां उठाकर विधानसभा अध्यक्ष की तरफ फेंकी।

12 दिसंबर 2011 ओडिशा और महाराष्‍ट्र विधानसभा

12 दिसंबर 2011 ओडिशा और महाराष्‍ट्र विधानसभा

महाराष्ट्र विधानसभा में कपास के दाम बढ़ाने की मांग को लेकर हंगामा हुआ था। कई बार हुए हंगामें की वजह से सदन की कार्यवाही को कई बार रोका गया। विपक्ष कपास के दाम बढ़ाए जाने की मांग पर चर्चा करना चहाता था।स्पीकर इसकी इजाजत नहीं दी। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच कुछ विधायकों ने कपास की गठानें अध्यक्ष की तरफ फेंक दी। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

मीरा कुमार

मीरा कुमार

संसद में हुए इस शर्मनाक कृत के बाद लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि आज जो कुछ भी हुआ, वो हमारे लिए शर्मनाक है। दुनिया भर में भारतीय संसद की साख पर बट्टा लगा है।

लालकृष्‍ण आडवाणी

लालकृष्‍ण आडवाणी

लालकृष्‍ण आडवाणी ने कहा कि 70 के दशक से संसद में हूं लेकिन ऎसे हालात संसद में कभी नहीं देखे, कांग्रेस के सांसदों ने जो कुछ भी किया वो संसद का अपमान है। उन्हें संसद से निष्काषित कर दिया जाना चाहिए।

सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्‍वराज ने कहा कि संसद में जो कुछ हुआ उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।

राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह

भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक है और व्यथित करने वाला है। संसदीय इतिहास में ऎसा पहले कभी नहीं हुआ। जो कुछ भी हुआ उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।

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English summary

 
 Chaos in Parliament as MPs fight, use pepper spray. TDP MP Venugopal Reddy brandishes knife in Lok Sabha. Here is some chronological event of such shameful incident in the history of India.
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