बजट पर बोले किसान नेता राकेश टिकैत, कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बजट लाए सरकार
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को सरकार से कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बजट लाने की मांग की।
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को सरकार से कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बजट लाने की मांग की। बजट के दिन, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसान समुदाय के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए किसानों के लिए एक अलग बजट प्रदान करना चाहिए। उन्होंने सरकार से किसानों के लिए कृषि ऋण को माफ करने की भी मांग की।
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गाजीपुर सीमा पर बोलते हुए, जहां किसान पिछले दो महीनों से नए बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, टिकैत ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए एक अलग बजट होना चाहिए। उन्होंने कहा, ऐसे में जब किसान कठिन दौर से गुजर रहे हैं, सरकार को किसानों का कर्ज भी माफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को मुफ्त में बिजली मुहैया कराए जाने की भी योजना होनी चाहिए। टिकैट ने आगे कहा कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों के लिए नियमित भुगतान देने की घोषणा होनी चाहिए।
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प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-केएसएएन) योजना का जिक्र करते हुए, जिसका उद्देश्य देश भर के सभी भूमिधारक किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करना है, टिकैत ने कहा कि इस स्कीम के तहत मिलने वाली सहायता राशि में वृद्धि की जानी चाहिए। मालूम हो कि इस योजना के तहत, तीन समान किश्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आय सहायता छोटे और सीमांत किसान परिवारों को प्रदान की जाती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर भूमि है।
किसान नेता ने आगे कहा कि फसलों की कीमत में वृद्धि से कृषि क्षेत्र और किसानों के उत्थान का मार्ग प्रशस्त नहीं होगा और सरकार को इस क्षेत्र में और अधिक प्रयास करने और किसानों को बिजली और पानी की उपलब्धता पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के किसान पानी और बिजली के लिए अलग-अलग बिलों का भुगतान कर रहे हैं, लेकिन फसलों पर एक ही कीमत मिल रही है। भारतीय किसान यूनियन नेता ने केंद्र से कृषि मशीनरी को कर से मुक्त करने का अनुरोध किया।