शिवसेना ने BJP को दी चेतावनी, कहा-राम मंदिर बनाओ, नहीं तो राम नाम सत्य
मुंबई। एनडीए में भाजपा की प्रमुख सहयोगी पार्टी शिवसेना एक बार फिर से बीजेपी पर हमला बोला है। लोकसभा चुनावों से पहले राममंदिर का मुद्दा एकबार फिर से गर्मा गया है। शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, अगर अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनता है तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को झूठी कहा जाएगा और उसे सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी को चेतावनी भी दी है। शिवसेना ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल 'जय श्रीराम' के नारे देते हैं, लेकिन मंदिर निर्माण के लिए एक भी शब्द नहीं कहते।
आगामी लोकसभा चुनाव में राम नाम सत्य...
सामना में शिवसेना ने कहा कि, जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण करे बीजेपी, वरना आगामी लोकसभा चुनाव में राम नाम सत्य के लिए तैयार रहे। सामना में कहा गया है कि बाबरी मस्जिद को शिव सैनिकों ने गिराया था, बाला साहेब ठाकरे ने इसकी जिम्मेदारी ली थी लेकिन अब बीजेपी केंद्र में है फिर राम मंदिर के निर्माण में देरी क्यों हो रही है? संपादकीय में कहा गया है कि, बीजेपी केंद्र और कई राज्यों में सत्ता में है। यह आसानी से राम मंदिर का निर्माण करा सकती है अन्यथा इसे झूठी माना जाएगा और सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।'
पीएम मोदी सिर्फ जय श्रीराम की घोषणा देते हैं
शिवसेना ने लिखा कि, पीएम मोदी सिर्फ जय श्रीराम की घोषणा देते हैं, लेकिन राम मंदिर निर्माण के बारे में एक शब्द नहीं बोलते हैं। यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान भी प्रचार सभाओं में यही हुआ। भाषण के आखिर में मोदी जय श्रीराम का नारा लगा रहे थे और सामने की भीड़ से भी जय श्रीराम का नारा लगवा रहे थे। उस समय ऐसा लग रहा था कि केंद्र में बीजेपी का राज है, और अब यूपी में भी बीजेपी का राज आते ही अयोध्या में तुरंत राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा और करोड़ों हिंदुओं के मन की आकांक्षा पूरी हो जाएगी। लेकिन अब मोदी हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
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मंदिर की मांग करने वालों को चुप करा रही है सरकार
शिवसेना ने संपादकीय में बीजेपी पर राम मंदिर निर्माण की आवाज उठाने वालों को परेशान करने का भी आरोप लगाया है। संपादकीय में कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण की मांग के लिए आमरण अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास को फैजाबाद पुलिस ने जबरन कब्जे में लेकर उन्हें अस्पताल में ठूंस दिया गया। कहा जा रहा है कि परमहंस दास का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनकी जान को खतरा पैदा हो गया था। पार्टी ने कहा है कि बीजेपी का यह कहना केवल दिखावा है कि मंदिर निर्माण के बारे में फैसला उच्चतम न्यायालय करेगा। संपादकीय में कहा गया है, 'अदालत की ओर संकेत करना स्थिति से मुंह मोड़ने जैसा है।' इसमें कहा गया है कि देश भर में मंदिर के निर्माण के लिए प्रदर्शन अदालत से अनुमति लेने के बाद शुरू नहीं हुए थे।
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