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राजस्थान के सियासी हालात पर बीजेपी की नजर, सचिन पायलट को लेकर ये है प्लान

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। सीएम गहलोत से नाराज सचिन पायलट अपने खेमे के विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंच गए। इस बीच सोमवार को जयपुर में पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई गई, जिसमें शामिल होने से पायलट खेमे ने इनकार कर दिया। रविवार से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट बीजेपी में शामिल होंगे, लेकिन एक सवाल अभी भी बरकरार है कि आखिर बीजेपी का इस मामले में क्या स्टैंड है?

'कोई कदम नहीं उठा रही बीजेपी'

'कोई कदम नहीं उठा रही बीजेपी'

सूत्रों के मुताबिक भोपाल की तरह जयपुर के राजनीतिक घटनाक्रम पर बीजेपी नजर बनाए हुए है। साथ ही इस संभावना को भी तलाश रही है कि क्या कांग्रेस की बगावत का फायदा उठाया जा सकता है? बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी अभी सिर्फ स्थिति को देख रही है, अभी मामले में कोई कदम उठाने को तैयार नहीं है। बीजेपी चाहती है कि सचिन पायलट पहले कदम आगे बढ़ाएं।

धर्मेंद्र प्रधान हुए सक्रिय

धर्मेंद्र प्रधान हुए सक्रिय

वहीं रविवार शाम से जयपुर से लेकर दिल्ली तक बीजेपी में कई बैठकें हुईं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जब मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया बागी विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे, तो धर्मेंद्र प्रधान ने अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में उनकी अमित शाह के साथ बैठक को राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी के सूत्रों ने इस बात से भी इनकार किया है कि गहलोत से मतभेद के बाद पायलट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।

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कांग्रेस में बड़ी दरार पड़ने का इंतजार

कांग्रेस में बड़ी दरार पड़ने का इंतजार

वहीं बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सीएम गहलोत कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी स्थित मजबूत करना चाहते हैं, जिस वजह से वो सचिन पायलट से जुड़ी अफवाह फैला रहे हैं। उनके मुताबिक अभी बीजेपी जल्दबाजी में नहीं है, क्योंकि उनको पता है कि पायलट के पास सरकार गिराने और बीजेपी की सरकार बनवाने के लिए पर्याप्त विधायकों की संख्या नहीं है। सूत्रों ने कहा कि जब तक राजस्थान कांग्रेस में बड़े पैमाने पर दरार नहीं पड़ती, तब तक बीजेपी के लिए कोई कदम उठाना बुद्धिमानी नहीं होगी। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सरकार बना ली, लेकिन वहां चुनौतियां अभी भी ज्यादा हैं, जो मंत्रियों के विभाग के बंटवारे के दौरान दिख रही हैं। पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने उत्तराखंड, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश की थी, लेकिन मामला न्यायपालिका में पहुंचा और उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा। ऐसी स्थिति राजस्थान में हो ये बीजेपी नहीं चाहती है।

क्या है नंबर गेम?

क्या है नंबर गेम?

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के गहलोत और पायलट कैंप के विधायकों को मिलाकर पार्टी की कुल सदस्य संख्या 101 है। इस तरह से 200 विधायकों वाले विधानसभा में पार्टी के पास अपने दम पर स्पष्ट बहुमत है। जबकि, सीएम गहलोत ने बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों को भी पार्टी में शामिल करा लिया है। इस तरह से कांग्रेस विधायकों की संख्या हो गई 107। इसके अलावा कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल का भी एक विधायक पार्टी के साथ है। यही नहीं गहलोत सरकार को 13 निर्दलीय विधायकों, 2 भारतीय ट्रायबल पार्टी और 2 सीपीएम विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। इस तरह विधानसभा में गहलोत सरकार के पास अभी कुल 125 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में 107 विधायकों वाली कांग्रेस से पायलट कानूनी तौर पर सिर्फ 30 विधायकों को तोड़कर अलग ग्रुप नहीं बना सकते हैं।

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English summary
BJP watching keenly Rajasthan Political Crisis, what's plan for Sachin Pilot
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